Noida News: नोएडा में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी और जरूरी खबर आ गई है। उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी नोएडा में दुनिया के तमाम आधुनिक शहरों की तरह से ही सारी सुविधाएं मौजूद हैं। अब नोएडा शहर को बिजली की सप्लाई के मामले में भी स्मार्ट शहर (Smart City) बनाने का काम शुरू हुआ है। नोएडा (Noida) को बसाते समय बिजली सप्लाई (Electricity Supply) के लिए जो कमी रह गई थी उसे अब पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
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साल 1976 में बसाया गया था नोएडा शहर
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले शहर नोएडा की स्थापना वर्ष-1976 में हुई थी। 17 अप्रैल 1976 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम के तहत नोएडा शहर को बसाने का काम शुरु किया गया था। शुरूआत में नोएडा के बसने की रफ्तार काफी धीमी थी। साल 1985 आते-आते नोएडा शहर ने एक सुंदर शहर के रूप में बसने लगा। उस समय नोएडा को बसाने वाले नोएडा प्राधिकरण ने बिजली सप्लाई के लिए नोएडा शहर में बिजली की भूमिगत तार नहीं बिछाई थी। नोएडा में आज भी बिजली के खम्बों पर लटकी हुई तारों के जरिए ही बिजली सप्लाई की जाती है। अब नोएडा प्राधिकरण ने बिजली सप्लाई का स्मार्ट तरीका अपनाने का फैसला किया है।
जानिए क्या है नई योजना ?
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि नोएडा के सेक्टर-47, 15ए और 3 में 200 करोड़ की लागत से बिजली के ओवर हेड तारों को भूमिगत करने की योजना है। विद्युत निगम की मांग पर नोएडा प्राधिकरण यह कदम उठाने जा रहा है। इस काम से नोएडा के उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं सुचारू रूप से बिजली सप्लाई कराई जा सकेगी।
प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक बारिश एवं तूफान के कारण भी सुचारु विद्युत सप्लाई उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा सकेगी। साथ ही पेड़ों की छंटाई भी कराने की जरूरत महसूस नहीं होगी। इसके साथ अन्य सेक्टरों के मुख्य मार्गों के बिजली के तारों को भूमिगत कराने की जरूरी है।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार कुछ साल पहले तक एक लाख एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। इसके साथ ही पिछले एक साल में 7500 नई स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। जिनमें पुलिस विभाग की तरफ से चिह्नित किए गए स्थानों एवं नोएडा प्राधिकरण द्वारा अंधेरे वाले स्थलों को चिह्नित कर लगभग 220 स्थानों पर 5361 स्ट्रीट लाइटें व हाईमास्ट लाइटें लगाई गई हैं। इसके साथ ही 121 स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम प्रस्तावित है। वहीं, कुछ स्थानों पर घने पेड़ होने की वजह से लोगों को रोशनी नहीं मिल पा रही है।