नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
सांसें रोक देने वाली ख़बर दिल्ली से सटे गाजियाबाद से आ रही है। जहां गौर होम सोसाइटी की लिफ्ट में 9 लोग फंस गए। अचानक लिफ्ट बंद होने के चलते यह करीब 15 मिनट तक अंदर चिल्लाते रहे। जैसे-तैसे इन्हें मैनुअल तरीके से लिफ्ट खोलकर बाहर निकाला गया। इस घटना को लेकर रेजिडेंट्स में आक्रोश है।
ये भी पढ़ें: Noida एक्सटेंशन: सोसायटी की लिफ्ट में फंस गई 2 मासूम
उनका कहना है कि मेंटिनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपया इकट्ठा होता है। बावजूद इसके आए दिन लिफ्ट खराब होती रहती है। उन्होंने यूपी में लिफ्ट एक्ट बनाने की मांग की है।
ये भी पढ़ें: Delhi के अक्षरधाम मंदिर में हड़कंप..पुलिस के पसीने छूटे
मैनुअली लिफ्ट खोलकर सबको निकाला बाहर
घटना सोमवार शाम करीब 5 बजे की है। लिफ्ट में 9 महिला-पुरुष सवार थे। वह ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की तरफ जा रहे थे। अचानक 5वें और 6वें फ्लोर के बीच लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट के किसी भी बटन ने काम करना बंद कर दिया। लिफ्ट में बंद लोगों ने शोर मचाया, तो सिक्योरिटी गार्ड और अन्य रेजिडेंट्स इकट्ठा हुए। इसके बाद लिफ्ट को जैसे-तैसे खोलकर बाहर निकाला गया।
लिफ्ट एक्ट बनाने की उठ रही मांग
पिछले महीने राजनगर एक्सटेंशन की आशियाना पाम कोर्ट सोसाइटी की लिफ्ट में दो भाई फंस गए थे। फेडरेशन ऑफ एओए राजनगर एक्सटेंशन के अध्यक्ष सचिन त्यागी ने इस संबंध में सीएम को पत्र लिखा था। इसके साथ ही लिफ्ट एक्ट बनाने की मांग की थी।
सचिन त्यागी के अनुसार, अभी तक इस प्रकार के हादसों के संबंध में कोई एक्ट या नियम नहीं है। सिर्फ थाने में लापरवाही की धारा में रिपोर्ट दर्ज की जाती है। अक्सर इस प्रकार के मामलों में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। इसलिए एक्ट बनना जरूरी है।
यूपी में लिफ्ट एक्ट पिछले कई सालों से लंबित
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद समेत राज्य के तमाम जिलों में बहुमंजिला हाउसिंग सोसाइटी हैं। इन इमारतों में आने जाने के लिए लिफ्ट और एलिवेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। उत्तर प्रदेश में अभी तक इन लिफ्ट और एलिवेटर से जुड़ी व्यवस्था व संचालन को नियमित करने के लिए कोई कानून नहीं है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट पिछले कई सालों से लंबित है।