Ghaziabad Metro: गाजियाबाद मेट्रो को लेकर एक और खुशखबरी जल्द आने वाली है। आपको बता दें कि नोएडा सेक्टर-62 (Noida Sector-62) से नमो भारत ट्रेन के साहिबाबाद स्टेशन तक मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट की एक और समस्या खत्म हो गई है। अब शासन प्रोजेक्ट की डीपीआर (DPR) को केन्द्र सरकार की मंजूरी के लिए भेज देगा। बता दें कि मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट और गाजियाबाद (Ghaziabad ) से जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) तक नमो भारत ट्रेन के संचालन से किसी प्रोजेक्ट की उपयोगिता कम नहीं होगी। इस पर शासन ने पिछले दिनों सवाल खड़े करते हुए फिर से संयुक्त सर्वे के आदेश जारी किए थे।
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संयुक्त सर्वे से यह बात सामने आई है कि दोनों प्रोजेक्ट की उपयोगिता अलग-अलग है और दोनों प्रोजेक्ट से आम जन को काफी सुविधा मिलेगी और जाम से छुटकारा मिल जाएगा। गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक नमो भारत ट्रेन प्रताप विहार, ताज हाइवे होते हुए ग्रेटर नोएडा वेस्ट से आगे बढ़कर जेवर तक जाएगी। तो वहीं नोएडा सेक्टर-62 से मेट्रो इंदिरापुरम, वसुंधरा होते हुए नमो भारत ट्रेन के साहिबाबाद स्टेशन तक जाएगी। जीडीए उपाध्यक्ष इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि संयुक्त सर्वे रिपोर्ट जल्द शासन में भेज दी जाएगी।
26,691.30 वर्गमीटर जमीन की है जरूरत
डीएमआरसी के द्वारा तैयार की गई डीपीआर के अनुसार मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट के लिए 26,691.30 वर्गमीटर जमीन की आवश्यकता है। इसमें 7,690.10 वर्गमीटर निजी जमीन और 19,001.20 वर्गमीटर सरकारी जमीन आ रही है। मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट 1,873.13 करोड़ रुपये में पूरा होगा। 5.017 किलोमीटर लंबे इस रूट पर पांच स्टेशन वैभव खंड, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-सात और साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। हर स्टेशन पर जीडीए को निजी जमीन की आवश्यकता है।
सीआईएसएफ से एनओसी की होगी जरूरत
शक्तिखंड स्टेशन पर सबसे ज्यादा 1200 वर्गमीटर जमीन की आवश्यकता होगी। प्रोजेक्ट के स्ट्रक्चर और स्टेशन के लिए 3900 वर्गमीटर जमीन की आवश्यकता होगी। इसमें ज्यादातर जमीन जीडीए की है। इसके साथ ही कुछ जमीन सीआईएसएफ और आवास विकास परिषद की है। प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले सीआईएसएफ से एनओसी की भी जरूरत होगी। मेट्रो ट्रैक व स्टेशन एलिवेटेड बनेंगे। उपरोक्त जमीन की जरूरत सिर्फ मेट्रो पिलर खड़ा करने के लिए होगी।
जीडीए ने नगर निगम से बकाया रकम की मांग की
जीडीए ने मेट्रो फेज-2 प्रोजेक्ट की बकाया रकम की मांग नगर निगम से कर ली है। प्रभारी मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने कहा कि नगर निगम पर जीडीए के लगभग 201 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि आवास विकास परिषद पर 19 करोड़ रुपये बकाया है। दोनों विभागों को पत्र भेजकर बकाया रकम की मांग की गई है, जिससे डीएमआरसी की बकाया रकम का भुगतान किया जा सके।