Ghaziabad: गाजियाबाद के वेव सिटी-सन के फ्लैट ख़रीदारों को लिए जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हाईटेक टाउनिशप के तहत जिले में विकसित वेव सिटी (Wave City) और सनसिटी (Sun City) में रहने वाले लोगों को भी आने वाले दिनों में हाउस टैक्स (House Tax), वॉटर टैक्स (Water Tax) और सीवरेज टैक्स (Sewerage Tax) देना होगा। इसको लेकर शासन की हाईपावर कमेटी ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।
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इस कमेटी में विशेष सचिव शहरी एवं आवास विभाग को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से नामित वरिष्ठ अधिकारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से नामित वरिष्ठ अधिकारी, जीडीए और एलडीए के उपाध्यक्ष, लखनऊ और गाजियाबाद के नगर आयुक्त के साथ निदेशक आवास बंधु को रखा गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि 15 दिन के अंदर इस प्रकरण की रिपोर्ट बनाकर हाईपावर कमेटी के सामने रखा जाए। यहां के निवासियों के सामने हालात ऐसे बन रहे हैं कि उन्हें हाउस टैक्स के साथ ही साथ बिल्डर को मेंटिनेंस चार्ज भी देना होगा।
जानिए पूरा मामला
जब हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी (Hitech Township Policy) बनाई गयी थी तो यह तय किया गया था कि जब तक टाउनशिप नगर निगम को नहीं सौंप दी जाती है तब तक निगम की ओर से किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाएगा, लेकिन मेयर सुनीता दयाल ने शासन को पत्र लिखकर कहा कि साल 1997 में आए शासनादेश के क्रम में अगर किसी भी प्रकार की योजना हो यदि वह सात साल तक हैंडओवर नहीं की जाती है तो वहां पर टैक्स वसूलने का निगम को अधिकार है।
हाईटेक टाउनशिप योजना में भी इस शासनादेश को लागू करने की मांग की गई है। मेयर के इस पत्र के बाद शासन की ओर से इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया है। इसलिए हाईटेक टाउनशिप में निगम द्वारा टैक्स नहीं लिए जाने के प्रकरण को खत्म करने या संशोधित करने के लिए कमेटी बना दी गई है।
8 से 10 हजार परिवारों पर होगा असर
एक खबर के मुताबिक वेव सिटी और सनसिटी टाउनशिप में अभी 8 से 10 हजार परिवार रहते हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और ज्यादा हो जाएगी। डीएम सर्कल रेट के हिसाब से इन सभी परिवार को हाउस टैक्स जमा करवाना पड़ेगा। अभी यहां पर बिल्डर की तरफ से ग्रुप हाउसिंग के लिए 2 रुपये प्रति फीट लिया जाता है और प्लॉट पर 10 रुपये प्रति गज के हिसाब से मेटिनेंस चार्ज लिया जा रहा है। यहां की पब्लिक को दिक्कत तब होगी जब एक तरफ से निगम हाउस टैक्स लेगा। वहीं दूसरी तरफ बिल्डर द्वारा ग्रुप हाउसिंग में मेंटिनेंस चार्ज की वसूली की जाएगी।