मोदी सरकार ने दिया स्टार्टअप्स को बड़ा तोहफा, खत्म हुआ Angel Tax
Angel Tax: मोदी सरकार 3.0 का आज पहला बजट (Budget 2024) पेश हो गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। बजट में सरकार ने छोटे बिजनेस (Small Business) और स्टार्टअप्स (Startups) को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इस बजट में एंजेल टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। बहुत समय से स्टार्टअप्स इसकी मांग कर रहे थे और अब उनकी यह मांग को सरकार न पूरा कर दी। एंजेल टैक्स को समाप्त इसलिए किया गया जिससे स्टार्टअप ईकोसिस्टम (Startup Ecosystem) को बढ़ावा मिल सके। इसके साथ ही इस कदम से आंत्रप्रेन्योरियल स्पिरिट और इनोवेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। अब सरकार ने हर क्लास के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त कर दिया है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को खत्म करने का प्रस्ताव करती हूं। अब यहां सवाल ये उठता है कि आखिर क्या होता है ये एंजेल टैक्स (Angel Tax), जिसे लेकर सारे स्टार्टअप खत्म करने की मांग कर रहे थे। आपको बता दें कि एंजेल टैक्स को स्टार्टअप की दुनिया में इतना खराब माना जाता है कि इसे दोधारी तलवार भी कहते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं एंजेल टैक्स के बारे में
जानिए क्या है एंजेल टैक्स
आपको बता दें कि भारत में एंजेल टैक्स (Angel Tax) को 2012 में लागू किया गया था। यह टैक्स उन अनलिस्टेड बिजनेस पर लागू होता था, जो एंजेल निवेशको से फंडिंग लिया करते थे। इसे दूसरे शब्दों में समझें तो जब कोई स्टार्टअप किसी एंजेल निवेशक से फंड लेता था तो वह इस पर भी टैक्स चुकाता था। यह सारी प्रक्रिया इनकम टैक्स अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत होती थी।
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क्यों लगाया गया था एंजेल टैक्स
सरकार का मानना था कि इसके माध्यम से वह मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगा पाएगी। साथ ही इस टैक्स की सहायता से सरकार सभी तरह के बिजनेस को टैक्स के दायरे में लाने का प्रयास कर रही थी। लेकिन सरकार के फैसले से देश के तमाम स्टार्टअप्स को नुकसान झेलना पड़ रहा था। यही कारण था कि इस टैक्स को खत्म करने की मांग उठ रही थी। इस टैक्स को लेकर असली समस्या तब होती थी जब किसी स्टार्टअप को मिलने वाला इन्वेस्टमेंट उसकी फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) से भी ज्यादा हो जाता था। ऐसी हालत में स्टार्टअप को 30.9 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता था।
लेकिन अब मोदी सरकार (Modi Government) ने इस टैक्स को समाप्त कर दिया है और इससे देश के स्टार्टअप्स को लाभ मिलेगा। बता दें कि पिछले कुछ सालों में देश में स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। साथ ही कई स्टार्टअप्स ऐसे भी हैं जो यूनिकॉर्न बने हैं। मोदी सरकार का लक्ष्य देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है। इसलिए वह हर संभव प्रयास कर रही है कि स्टार्टअप्स को हर तरह की मदद की जाए।