कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
Israel Attack: शनिवार की सुबह इजराइल के लिए काल बन कर आया जब गाजा पट्टी पर कब्जा रखने वाले हमास के लड़ाकों ने इजराइल के शहरों पर 20 मिनटों मे लगातार 5 हजार रॉकेट दाग कर इजराइल के होश उड़ा दिए.
यह दक्षिणी इजरायल के इलाकों में घुसपैठ के बाद पिछले एक दशक में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। इसमें अब तक 40 लोगों की मौत की हो चुकी है जिसमें 20 इजरायली सैनिक भी शामिल हैं।हमले में अभी और लोगों के मारे जाने की भी आशंका है।
हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने ‘युद्ध’ की घोषणा करते हुए कहा है कि उनका देश दुश्मन से ‘अभूतपूर्व कीमत’ वसूल करेगा। और इजराइल के द्वारा जवाबी कार्यवाई में गाजा में अबतक कम से कम 198 लोग मारे गए, 1,610 घायल हुए हैं।
इजराइल,हमास और फिलिस्तीन युद्ध की वजह
साल 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया. इसका एक हिस्सा यहूदियों को दिया गया जबकि दूसरा हिस्सा अरब समुदाय के लोगों को दिया, जिसमें अधिकतर लोग इस्लाम को मानते हैं. 14 मई 1948 को यहूदियों ने अपने हिस्से को एक अलग देश घोषित कर दिया, जिसका नाम इजराइल रखा गया. इस फैसले से अरबी समुदाय खुश नहीं था, लिहाजा युद्ध की घोषणा हुई और लाखों फिलिस्तीनी बेघर हो गए. युद्ध के बाद पूरा इलाका (इजराइल और फिलिस्तीन) को तीन हिस्सों में बांट दिया गया. फिलिस्तीन को वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी का इलाका मिला. गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है. ये पट्टी एक छोटा सा फिलिस्तीनी इलाका है. यह मिस्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है. फिलिस्तीन अरबी और बहुसंख्यक मुस्लिम बहुल इलाका है. ये सभी लोग प्रथम अरब- इजरायल युद्ध के शरणार्थी और उनके वंशज है.
सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी. 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए. फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो. गाजा इलाके पर फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास का कब्जा है, जबकि वेस्ट बैंक पर इजराइल ने कब्जा किया हुआ है. इजराइल ने येरूशलम शहर पर भी युद्ध में कब्जा कर लिया और शहर के पश्चिमी हिस्से तक अपना विस्तार कर लिया.
फिलिस्तीन येरूशलम को राजधानी बनाना चाहता है, इसके अलावा अरबी समुदाय के लोग येरूशलम को पवित्र स्थान मानते हैं क्योंकि यहां अल-अक्सा मस्जिद है. यहूदियों में भी इस शहर को पवित्र माना जाता हैं. इस मुद्दे पर पिछले 25 साल से शांति का वार्ताएं चल रही हैं लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।