नीलम सिंह चौहान, खबरी मीडिया
इस बार के बुखार का इलाज करने में मानों डॉक्टरों के भी होश उड़ गए हैं। क्योंकि अलग अलग पेशेंट्स के ऊपर अलग अलग तरह के बुखार टाइप्स देखने को मिल रहा है। ऐसे में डॉक्टरों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मौसम की मार के चलते ऐसे हालात को देखते हुए चिकित्सकों ने फीवर सिंड्रोम करार दे दिया है।
वहीं, विश्व आयुर्वेद परिषद की प्रांतीय कार्यसमिति के मेंबर डॉक्टर संजीव सक्सेना ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि ज्यादातर पेशेंट्स में बुखार का रूप अलग अलग होते हुए भी एक जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
जैसे की मलेरिया बुखार की तरीके टायफाइड बुखार में भी पेशेंट्स को काफी अधिक ठंडी लग रही और कंपकंपी महसूस हो रही।
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वहीं, एक और डॉक्टर का ये कहना है कि डेंगू के बुखार में सबसे ज्यादा तपमान के साथ मरीज को उल्टी आना एक कॉमन लक्षण है, लेकिन अब तेज बुखार से ग्रसित कई पेशेंट्स में ये लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन जब जांच कराई जा रही तो रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आ रही है।
बुखार से हाल बेहाल
इस बार मौसमी संक्रमण के चलते एक साथ ही कई रूपों में बुखार हमला बोल रहा है
प्रॉपर तरह से इलाज को समझने के लिए बुखार के रूप को समझने की अपील की गई है।
खुद से ही न करें इलाज
चिकित्सकों के अनुसार मौजूदा फीवर सिंड्रोम किन्हीं परिस्थितियों में इलाज में लापरवाही हो जाने के चलते कई पेशेंट्स को जिंदगी भर का खतरा हो सकता है। क्योंकि बुखार का वास्तविक रूप पता चले बिना सही तरह का इलाज न मिल पाना जानलेवा साबित हो सकता है।