नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Facebook) का इस्तेमाल कौन नहीं करता। युवा, महिलाएं..बुजुर्ग सभी इसके दीवाने हैं। सोशल मीडिया के इस प्लेटफॉर्म का जादू सालों से लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में आपको ख़बर लगे कि आपका फेसबुक अकाउंट बंद होने वाला है तो आप हैरान नहीं होंगे तो क्या..क्योंकि कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High Court) ने फेसबुक ( Facebook) को धमकी दे डाली है कि हम भारत में आपको पूरी तरह से बंद करने का विचार कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने ये धमकी सऊदी अरब के कैद में एक भारतीय मूल के नागरिक के मामले में सुनवाई के दौरान दी। कोर्ट ने कहा कि फेसबुक कर्नाटक पुलिस के साथ में सहयोग नहीं कर रही है।
बताते चलें कि जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की है, दक्षिण कन्नड़ जिले में रहने वाली महिला कविता ने एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने फेसबुक को आदेश दिया, “ आवश्यक जानकारी के साथ पूरी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर अदालत में प्रस्तुत की जानी चाहिए” ।
कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार को ये जानकारी देनी चाहिए की फर्जी मामले में भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किए जाने पर क्या कार्रवाई की गई। मंगलुरु पुलिस भी इस पूरे मामले की तहे तक जांच करें और जल्द से जल्द रिपोर्ट को पेश करे..
आखिकार क्या है पूरा मामला ?
कविता ने अपनी याचिका में इस बात का जिक्र किया की उसके 52 वर्ष के पति शैलेश कुमार तकरीबन 25 साल से सऊदी अरब की एक कंपनी में काम कर रहें। वे अपने बच्चों के साथ यहीं रहती है। साल 2019 में शैलेश ने अपने फेसबुक पेज पर CAA ( Citizenship Amendment Act) और NRC ( National Register of Citizens) के समर्थन में एक मैसेज पोस्ट किया था। किसी अज्ञात व्यक्ति ने शैलेश के नाम से एक फेक अकाउंट क्रिएट किया और सऊदी अरब के किंग और इस्लाम के बारे में अप्पतिजनक पोस्ट किए।
जब शैलेश को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने परिवार को इसकी जानकारी दी, इसके बाद कविता ने पुलिस को ये जानकारी दी और रिपोर्ट दर्ज कराई। दूसरी ओर सऊदी पुलिस ने शैलेश को जेल भेज दिया।
फेसबुक ने पुलिस को अभी तक नहीं दी जानकारी
कविता के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधर पर मगलुरु पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने फेसबुक को पत्र लिखा और फर्जी फेसबुक और इस फर्जी अकाउंट के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन फेसबुक ने अभी तक कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। 2021 में कविता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और जांच में देरी होने पर सवाल उठाया।