Delhi-Dehradun Expressway को लेकर बड़ी खबर आ गई
Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली से देहरादून के सफर के और आसान और कम समय में पूरा किया जा सके इसके लिए दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) का निर्माण हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों के शोर से अब वन्यजीवों (Wildlife) के आराम में अब कोई बाधा नहीं आएगी। NHAI ने इस समस्या के समाधान के लिए प्रभावी साउंड बैरियर्स (Sound Barriers) स्थापित किए हैं, जो गाड़ियों के शोर को लगभग बहुत कम कर देगें। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून यात्रा का समय 6.5 घंटे से घटकर 2.5 घंटे और दूरी 235 किलोमीटर से घटकर 213 किलोमीटर आ जाएगा।
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तेजी से हो रहा है काम
आपको बता दें कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बरसात के बाद अब तेजी से शुरू हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे को कुल 4 खंडों में विभाजित किया गया है और लगभग 208 किलोमीटर का क्षेत्र कई वन क्षेत्रों से होकर जाता है। गणेशपुर से आशारोड़ी तक 20 किलोमीटर का हिस्सा घने जंगल से भरा हुआ है, जिसमें कुछ भाग राजाजी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) से होकर भी जाता है। गणेशपुर से मोहंड के बीच 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है, जो बरसाती नदी पर स्थित है।
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वन्यजीवों को नहीं होगी परेशानी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस एलिवेटेड सड़क पर विशेष साउंड बैरियर्स लगाए हैं, जो वाहनों के शोर को वन्यजीवों तक नहीं पहुंचने देंगे। इन बैरियर्स की सहायता से रात के समय वाहनों की लाइट भी वन्यजीवों की आंखों को परेशान नहीं करेगी। इसके चलते वन्यजीव आराम से एलिवेटेड रोड के आसपास के जंगलों और सड़क के नीचे घूम सकते हैं। एनएचएआई के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा साउंड बैरियर सिस्टम मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर पेंच नेशनल पार्क के क्षेत्र में बनी 8 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क पर भी लगाया गया है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर यह प्रणाली लागू होने वाला दूसरा प्रोजेक्ट है।
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जानिए कब तक पूरा होगा काम
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के दो हिस्सों का निर्माण कार्य इसी साल के आखिरी यानी दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें गणेशपुर से आशारोड़ी तक का खंड भी शामिल है। यहां पर 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क का निर्माण पूरा हो गया है और अब इसे ब्लैकटॉप किया जा रहा है। नवंबर में इस सड़क का रोड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा जिसके बाद इसे दिसंबर में आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। बाकी दो हिस्सों का काम मई 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
कितना आएगा खर्च
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस परियोजना पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। एक्सप्रेसवे खुलने के बाद, अधिकारियों को उम्मीद है कि इस रूट का इस्तेमाल करने वाले वाहनों की संख्या हर दिन 20,000 से 30,000 तक हो जाएगी।