कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
दिल्ली से पटना के लिए निकली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-415 सोमवार शाम तेज हवा के झोंके में आकर एयर
टर्बुलेंस(Air turbulence) का शिकार हो गई। जिसकी वजह से करीब 15 मिनट तक फ्लाइट को हवा में ही घूमना पड़ा। एयर टर्बुलेंस की वजह फ्लाइट में सवार 222 यात्रियों में से कई लोगों को मामूली चोट भी आई लेकिन इस घटना की वजह से यात्रियों में डर का माहौल पैदा हो गया।
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फ्लाइट लैंड करने वाला ही था कि हवा के झोंके से यह असंतुलित हो गया। इसके बाद पायलट ने लैंडिंग न करते हुए विमान को ऊपर ले लिया और 15 मिनट तक हवा में चक्कर काटने के बाद जब मौसम सामान्य हुआ, तब पायलट ने शाम पौने सात बजे इसे लैंड कराया तब जाकर यात्रियों के जान में जान आई। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 40 साल में हवाई यात्रा के दौरान टर्बुलेंस की घटनाओं में 55 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यही नहीं, अब साफ हवा में होने वाले टर्बुलेंस के मामलों में भी काफी वृद्धि हुई है
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क्या होता है एयर टर्बुलेंस (Air turbulence)
जब विमान ऊंचाई पर उड़ रहा होता है, तब विमान के पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है, जिससे एयर टर्बुलेंस पैदा होता है। इससे विमान हिलने-डुलने लगता है। यात्रियों को झटके लगने लगते हैं।यही नही यह और कई कारणों से हो सकता है। जैसे वातावरण में हवा का प्रभाव, जेट स्ट्रीम्स जो हवा में परिवर्तन को ट्रिगर करते हैं, पहाड़ या ऊंची इमारतों के ऊपर से उड़ते हुए, जो आसमान में हवा के प्रवाह को बदलते हैं या फिर कोई भी कारण जो हवा के प्रवाह को बदलता है, उससे एयर टर्बुलेंस हो सकता है।
टर्बुलेंस कई प्रकार के होते है जैसे
क्लियर एयर टर्बुलेंस
थर्मल टर्बुलेंस
टेम्परेचर इंवर्जन टर्बुलेंस
मैकेनिकल टर्बुलेंस
फ्रंटल टर्बुलेंस
माउंटेन वेब टर्बुलेंस
टर्बुलेंस की चपेट में आए तो क्या करें?
विमान के टर्बुलेंस की चपेट में आने पर घबराएं नहीं
तुरंत अपनी सीट बेल्ट बांध लें
पैनिक क्रिएट करने के बजाय अपने पायलट पर भरोसा रखें
अगर टर्बुलेंस के दौरान घबराहट हो रही है तो खुद को शांत करें और लंबी गहरी सांस लें
सीट बेल्ट को तभी ढीला करें जब टर्बुलेंस समाप्त हो जाए।