Jyoti Shinde,Editor
कहते हैं एक कलाकार के लिए कला प्रदर्शनी से अच्छी जगह कोई दूसरी जगह नहीं हो सकती। क्योंकि यहां लोग ना सिर्फ कलाकारों की कला को देखने आते हैं बल्कि यहां उनकी हौसलाफजाई भी होती है। कुछ ऐसी ही झलक दिल्ली के ललित कला अकादमी में भी देखने को मिली।
एहसास ग्रुप शो: छह प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा एक शानदार कला प्रदर्शनी रविन्द्र भवन ललित कला अकादमी में आयोजित की जा रही है जिसका शुभारंभ सुप्रसिद्ध लेखक एवम कला समीक्षक श्री प्रयाग शुक्ला ने किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से कलाकारों ने आध्यात्मिक, प्राकृतिक व अपने मनोभावों को दर्शाया है। यह प्रदर्शनी 19 से 26 अक्टूबर तक है।
एहसास ग्रुप शो के साथ प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन, जिसमें छह प्रतिष्ठित कलाकारों का काम शामिल है। यह सहयोगी प्रदर्शनी विविध प्रकार की कलात्मक अभिव्यक्तियों को एक साथ लाती है, प्रत्येक कलाकार अपनी कलात्मकता के माध्यम से अपनी अनूठी कहानियाँ बुनता है।
कलाकारों से मिलें:
श्वेता उराणे:
भोपाल की रहने वाली श्वेता उराणे एक चित्रकार और प्रिंटमेकर हैं। उनकी कलात्मक यात्रा को दृश्य रचनात्मकता की निरंतर खोज द्वारा चिह्नित किया गया है। 2018 में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने 2019 से 2021 तक भारत भवन प्रिंटमेकिंग कम्युनिटी स्टूडियो में अपना कलात्मक अभ्यास जारी रखा। वर्तमान में मुंबई के सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट में प्रिंटमेकिंग में मास्टर ऑफ फाइन आर्ट की पढ़ाई कर रही श्वेता का काम एक है उसकी विकसित होती अवधारणाओं और असीम रचनात्मकता का मूर्त रूप।
नीतू भोपाल:
प्रिंटमेकर कलाकार, नीतू भोपाल एक दशक से अपनी कला के प्रति समर्पित हैं। उनकी रचनाएँ उनकी भावनाओं और जीवनशैली का प्रतिबिंब हैं, जिनमें रेखाएँ और धागे केंद्रीय रूपांकन हैं। उनकी कला उनके अनुभवों और भावनाओं का एक विचारोत्तेजक प्रतिनिधित्व है।
तृप्ति पोरवाल:
भोपाल की एक स्वतंत्र कलाकार तृप्ति पोरवाल के पास पेंटिंग में मास्टर डिग्री है। उनके काम की विशेषता ज्यामितीय आकृतियों का उपयोग है जो हमारे दैनिक जीवन से मेल खाती है, भले ही अनदेखे तरीकों से। उनकी कला हमारे अस्तित्व के भीतर छिपे संबंधों का पता लगाने का प्रयास करती है।
सोनल सिंह गुप्ता:
भोपाल में स्थित, सोनल सिंह गुप्ता का काम मानव जीवन और प्रकृति के बीच परस्पर क्रिया से गहराई से प्रेरित है। वह समाज और पर्यावरण के बीच संबंध को प्रेरणा का एक समृद्ध स्रोत मानती हैं। उनकी यात्रा ने उन्हें प्रकृति की सुंदरता और मानव अस्तित्व के सार में गहराई तक जाने के लिए प्रेरित किया है। जेएमआई से ललित कला में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उनकी कला प्रकृति और समाज के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को खूबसूरती से दर्शाती है।
मनीषा जैन:
मनीषा जैन की कला प्रकृति, मानवता और आध्यात्मिकता के सामंजस्य के इर्द-गिर्द घूमती है। उनका मानना है कि हमारी जड़ें हमारे जीवन में अभिन्न भूमिका निभाती हैं और प्रकृति से गहराई से जुड़ी हुई हैं। उनकी पेंटिंग्स इस विचार को दर्शाती हैं कि हम सभी प्राकृतिक दुनिया के साथ अपने साझा संबंध के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
गौरव मौर्य:
इलाहाबाद के रहने वाले गौरव मौर्य प्रदर्शनी में एक अनूठा दृष्टिकोण लेकर आए हैं। ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े प्रकृति के प्रति उनका गहरा प्रेम उनके काम में झलकता है। गौरव की कला बदलते पर्यावरण और प्रकृति पर उसके प्रभाव पर प्रकाश डालती है। अपने चित्रों के माध्यम से, वह ठोस रूपों से अमूर्त रूपों में परिवर्तन को दर्शाते हैं, और हमारे परिवेश के अक्सर अनदेखे पहलुओं को उजागर करते हैं।
एहसास ग्रुप शो एक दृश्य दावत है, जो दर्शकों को अमूर्त आकृतियों से लेकर भावनात्मक परिदृश्यों तक, असंख्य कलात्मक अभिव्यक्तियों का पता लगाने का अवसर प्रदान करता है। प्रत्येक कलाकार प्रदर्शनी में एक विशिष्ट स्वाद लाता है, जिससे कला का एक गतिशील और जीवंत समूह तैयार होता है।