Karnal Assembly By-Election: हरियाणा के करनाल विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) के सामने कांग्रेस ने जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह को टिकट दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) और उदयभान करनाल में लोकसभा प्रत्याशी दिव्यांशु का नामांकन भरवाने के लिए पहुंचे थे और इसी दौरान उन्होंने त्रिलोचन सिंह (Trilochan Singh) का टिकट भी लेकर आए थे, और यहीं पर उन्होंने औपचारिक रूप से इसकी घोषणा भी।
ख़बरीमीडिया के Youtube चैनल को फौलो करें।
ये भी पढे़ंः BJP संकल्प के साथ आगे बढ़ती है: CM नायब सैनी
आपको बता दें कि त्रिलोचन सिंह वर्तमान समय में कांग्रेस में करनाल जिला के संयोजक है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में त्रिलोचन सिंह ने बीजेपी (BJP) प्रत्याशी मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मनोहर लाल को 79 हजार 906 वोट मिले थे, जबकि त्रिलोचन सिंह को 34 हजार 718 वोट प्राप्त हुए थे। एक बार फिर कांग्रेस ने ने त्रिलोचन सिंह पर भरोसा जताया है। हालांकि कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सुमिता सिंह, कांग्रेस नेता भीमसेन मेहता व अन्य कुछ नेताओं के नामों पर चर्चा हुई थी, लेकिन बाद में त्रिलोचन सिंह के नाम पर मुहर लगा दी गई।
टिकट मिलने का है ये बड़ा कारण
त्रिलोचन सिंह के नाम पर मुहर लगने की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि वे दस साल तक फील्ड में एक्टिव हैं और लोगों के मुद्दों को उठाया है। साथ ही प्रदर्शन भी किए है, सीएम आवास के घेराव भी किए है और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने भी लोगों की आवाज उठाया है। दूसरा, त्रिलोचन सिंह एक पंजाबी चेहरा है और करनाल में लगभग 63 हजार पंजाबी वोटर्स है।
ये भी पढ़ेंः Loksabha Election: मुलायम के गढ़ में बुलडोज़र से CM योगी का स्वागत
इस चुनाव में कांग्रेस ने पंजाबी कार्ड खेला है, तो वहीं बीजेपी ने नायब सैनी को ओबीसी वोटर्स को साधने का प्रयास किया है और सैनी के माध्यम से ओबीसी वोटर्स को बीजेपी के पक्ष में आएगा ही और पूर्व सीएम मनोहर लाल को लोकसभा प्रत्याशी बनाकर पंजाबी वोटर्स को अपने पक्ष में करने की कोशिश बीजेपी ने की है। ऐसे में बीजेपी ने भी अपना दांव खेला है और कांग्रेस ने भी अपना दांव। इसमें देखना यह दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का लोकसभा और विधानसभा के दोनों ही प्रत्याशी पंजाबी समाज से है। ऐसे में कौन सा उम्मीदवार कितनी वोट पाने में सफल होगा।
जानिए कितनी हुई संपति में बढौतरी और कटौती
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भरे नामांकन के अनुसार त्रिलोचन सिंह की इनकम 2014-15 में 79 हजार 210 रुपए थी और 2018-19 तक यह 3 लाख 72 हजार हो गई थी। वहीं इनकी पत्नी हरमिंद्र कौर की इनकम 2014-15 में 2 लाख 48 हजार 400 रुपए थी, जो 2018-19 में बढ़कर 3 लाख 59 हजार 372 रुपए हो गई थी। त्रिलोचन सिंह के पास 130 ग्राम की ज्वैलेरी थी, जो करीब 5 लाख 30 हजार थी।
इनकी पत्नी के पास 200 ग्राम ज्वैलरी थी, जो करीब 7 लाख 65 हजार रुपए की थी। इनके नाम पर 3 लाख 62 हजार का कार लो चल रहा था और इनकी पत्नी के नाम पर 5 लाख 65 हजार रुपए का होम लोन था। इनके पास 24 लाख 89 हजार रुपए और इनकी पत्नी के पास 10 लाख 65 हजार रुपए की चल सम्पति थी और 9 लाख रूपए की इनके पास और 11 लाख रूपए की अचल संपति इनकी पत्नी के पास थी।
जानिए कोर्ट केस के बारे में
बात करें कोर्ट केस की तो साल 2015 में इन पर आईपीसी की धारा 147, 186, 152R/W, 149,332 R/W, 149, 341 R/W, 149, 352 R/W, 427R/W और सेक्शन-3 ऑफ पीडीपी एक्ट के तहत केस दर्ज था। जिस पर 17 अगस्त 2015 की डेट लगी हुई थी। इस केस में एक साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।