ये दर्द है उस महिला पत्रकार का जो कभी इस नेशनल न्यूज चैनल(News Channel) के साथ जुड़ी थी। हालांकि उपरोक्त मेल के बाद कई पीड़ित युवा महिला पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया गया। इनमें से एक महिला पत्रकार ने डिजिटल डिपार्टमेंट हेड अमर..(बदला हुआ नाम) और शिफ्ट इंचार्ज अकबर(बदला हुआ नाम) और एंथनी(बदला हुआ नाम) के खिलाफ लिखित शिकायत की। जांच के बाद अकबर को नौकरी से निकाल दिया गया। लेकिन अमर के खिलाफ कंपनी ने कोई कदम नहीं उठाया। उल्टा, महिला को ही नौकरी से निकाल दिया गया। आरोप है कि अमर और और उसके लोगों ने एक साजिश के तहत उन महिलाओं को निकालने का निर्णय लिया, जो इनकी गंदी हरकतों के खिलाफ आवाज उठाने का साहस रखती थीं। इन्हें “छँटनी” का नाम दिया गया, जबकि एक दिन पहले ही डिजिटल डिपार्टमेंट में चार नए कर्मचारियों की भर्ती की गई थी।
आरोप है कि यहाँ महिला कर्मचारियों को शराब पार्टियों में शामिल होने के लिए दबाव डाला जाता है, और जो महिलाएं इसका विरोध करती हैं, उन्हें किसी न किसी बहाने नौकरी से निकाल दिया जाता है।
इसके अलावा आरोप ये भी है कि एक और शिफ्ट इंचार्ज भी महिलाओं के साथ अत्याचार करता है। वह महिलाओं से उनके व्यक्तिगत मामलों के बारे में सवाल पूछता है, जैसे उनके पीरियड्स की तारीखें, और उन्हें दवाइयों के साथ ऑफिस आने के लिए मजबूर करता है। एक महिला ने आरोप लगाया कि उसने उसे अपनी कार में लिफ्ट देने के बहाने जबरन किस करने की कोशिश की।
जब भी किसी नई महिला को अपनी टीम में शामिल करता है, तो उसे पार्टी करने के लिए बाहर बुलाता है। अगर महिला इसका विरोध करती है, तो उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। उसकी टीम मिलकर किसी न किसी बहाने महिला को परेशान करती है, उसके खिलाफ चेतावनी भरे ईमेल भेजती है। वहीं, जो महिलाएं उसकी बात मान लेती हैं, उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होती, और उन्हें विशेष सुविधाएं मिलती हैं।
सबसे दर्दनाक यह है कि एक ऐसे संस्थान, जो समाज को सही खबर देने का दावा करता है, वहां महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह की बर्बरता हो रही है। ये महिलाएं अब ना सिर्फ अपने करियर, बल्कि अपनी आत्म-सम्मान के लिए भी जूझ रही हैं।
Disclaimer: भड़ास में छपी खबर और पीड़ित पत्रकार के ईमेल पर आधारित..ख़बरी मीडिया इस ख़बर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।