Bihar News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की CM Nitish की जमकर तारीफ
Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी अच्छी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की जमकर तारीफ की। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम का बिना नाम लिए कहा कि मैं तब सांसद था, जब आपके मौजूदा मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री थे। उनके नेतृत्व में प्रदेश ने बहुत कुछ प्राप्त किया है। उन्होंने हमारे अतीत से सबक लिया है, जिसमें हमने देश के स्वर्ण भंडार को गिरवी रखे जाने जैसी भयावह घटनाएं देखी हैं। बता दें कि धनखड़ का इशारा 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के शासनकाल की तरफ था जब गंभीर वित्तीय संकट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को ऋण जुटाने के लिए विदेशी बैंकों के पास कई टन सोना गिरवी रखना पड़ा था।
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उपराष्ट्रपति धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने बिहार की बेहतर कानून व्यवस्था की भी तारीफ की और कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, ऐसा लगता है कि शिक्षा के प्राचीन केंद्र नालंदा की चमक वापस आ गई है।
दीक्षांत समारोह में शामिल हुए उपराष्ट्रपति
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी (Mahatma Gandhi Central University, Motihari) के दूसरे दीक्षांत समारोह (Convocation) को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करने के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य पर चर्चा किए और कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश भारत जल्द ही जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा।
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हम जल्द ही हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे
केंद्र में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार की संस्कृति का उन्मूलन हुआ है और बिचौलियों का खात्मा हुआ है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व हमें आश्चर्य से देख रहा है क्योंकि हम वैश्विक मंच पर अपना उचित स्थान पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम अभी पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन चीजें सही होती दिख रही हैं और जल्द ही हम जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देंगे।
अपने स्कूल को वापस कुछ जरूर दें
उपराष्ट्रपति ने इस दौरान राज्य के युवा लड़कों और लड़कियों से अलग तरीके से सोचने का आग्रह करते हुए शैक्षणिक संस्थानों से कार्यशालाएं आयोजित करने का आह्वान किया, जहां छात्र पूंजी तक आसान पहुंच और सरकार की सकारात्मक नीतियों की वजह से उनके लिए उपलब्ध असीमित मौकों के बारे में जान सकें। उन्होंने छात्रों को यह भी कहा कि एक बार जब वे अपने चुने हुए क्षेत्र में अपनी पहचान बना लेते हैं, तो उन्हें अपने विद्यालय को कुछ वापस देना चाहिए। उपराष्ट्रपित ने पूर्व छात्र संघों के माध्यम से मासिक योगदान देने का सुझाव दिया। धनखड़ ने आगे कहा कि योगदान मासिक या वार्षिक हो सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शुरुआत में दस रुपये या 10,000 रुपये का योगदान देते हैं। समय के साथ आपकी क्षमता बढ़ती जाएगी, लेकिन यह ख्याल रखें कि दुनिया के सभी प्रमुख संस्थान अपने पूर्व छात्र संघों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।