schools Noida did not take admission under RTE

नोएडा में बड़े स्कूलों ने RTE के तहत नहीं लिया एडमिशन..पोर्टल पर सीटें फुल

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: अगर आप भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रहते हैं और अपने बच्चों का एडमिशन (Admission) नोएडा के बड़े स्कूलों में कराना याह रहे हैं तो यह खास खबर आपके ही लिए है। आपको बता दें कि शिक्षा के अधिकारअधिनियम (RTE) के अनुसार एडमिशन की चौथी चरण की प्रकिया 7 जुलाई को समाप्त हो रही है, लेकिन चौथे चरण में अभिभावकों का मोह समाप्त होता दिखाई दे रहा है। एक जून से चौथे चरण के तहत आवेदन लिए जा रहे हैं।
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19 दिन बीत जाने के बाद अभी तक लगभग 280 आवेदन ही विभाग में आए हैं। इसका प्रमुख कारण बड़े स्कूलों का नाम पोर्टल पर नहीं दिखाई देना बताया जा रहा है। पहले और दूसरे चरण की प्रकिया में बड़े स्कूलों में आरटीई के तहत आवंटित सीटों पर बच्चों का आवंटन हुआ लेकिन कई स्कूलों ने आवंटित सीटों के सापेक्ष अब तक तीन से चार दाखिले ही किए।

एडमिशन कराने से बच रहे अभिभावक

सभी बच्चों को सीटें आवंटित हो जाने के कारण अगले चरण में स्कूल का नाम पोर्टल पर नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि उन स्कूलों में 70 प्रतिशत से अधिक सीटों पर एडमिशन अभी तक नहीं हुए हैं। चौथे चरण में जो स्कूल पोर्टल पर दिखाई दे रहे हैं, उसमें दाखिला कराने से अभिभावक बचना चाह रहे हैं।

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आरटीई के पोर्टल (RTE Portal) में सबसे समस्या यह है कि एडमिशन नहीं होने वाली सीटों को भी वह भरा हुआ दिखाता है। अगर आवंटित सीटों पर दाखिले स्कूलों की तरफ से नहीं लिए गए तो शासन स्तर से पोर्टल पर उनके नाम दिखाई देने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है।

तीन चरण के बाद 2400 एडमिशन

तीन चरण की प्रकिया समाप्त होने के बाद लगभग 2400 दाखिले कराने में ही विभाग सक्षम हो पाया है। स्कूलों की मनमानी इस कदर हावी हो गयी है कि स्कूल आवंटित सीट के सापेक्ष तीन से चार प्रतिशत ही दाखिले कर पाएं है।

सबसे ज्यादा आवेदन पहले चरण में 5810, दूसरे चरण में 3891 और तीसरे चरण में 1602 आवेदन आए हैं। तीन चरणों में 4786 बच्चों को सीट आवंटित हुई थी। सबसे ज्यादा दिन चौथे चरण की आवेदन की प्रकिया चली, लेकिन सबसे कम आवेदन आएं।

राहुल पंवार, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि लॉटरी के बाद भी कुछ अभिभावक बच्चों का छोटे स्कूलों में दाखिला कराने के लिए तैयार नहीं है। बड़े स्कूलों में दाखिले की मांग कर रहे है। शासन स्तर से पोर्टल का संचालन होता है। विभाग की ओर से इसमें बदलाव नहीं हो सकता है। दाखिला देने में आनाकानी करने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई की जा रही है।