इंडिया टीवी और जनमत जैसे बड़े चैनलों में काम कर चुकीं अर्चना सिंह पिछले कुछ वक़्त से स्क्रीन से ग़ायब रहीं तो चर्चाओं का बाज़ार गर्म रहा- आख़िर वो कहां हैं, क्या कर रही हैं. अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पिछले कुछ वक़्त से वो मीडिया रिसर्च के एक बड़े प्रोजेक्ट में जुटी थीं. अर्चना सिंह अब डॉक्टर अर्चना सिंह बन चुकी हैं.
झुझुनूं के जगदीश प्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय से अर्चना सिंह ने पीएचडी की उपाधि हासिल कर ली है. हाल में ही विश्वविद्यालय में हुए कॉन्वोकेशन कार्यक्रम में उन्हें ये उपाधि प्रदान भी कर दी गई. अर्चना सिंह इसे अपने जीवन की एक बड़ी उपलब्धि मानती हैं. उन्होंने कहा कि लंबे वक़्त तक ऑन स्क्रीन रहने के बाद पिछला कुछ वक़्त उन्होंने रिसर्च में गुज़ारा और ये उनके लिए अलग तरह का अनुभव रहा. इसके लिए अर्चना सिंह ने कई शहरों की यात्रा की, आम दर्शकों से उनकी राय पूछी, बड़े एंकरों के साथ बातचीत की.
अर्चना सिंह के शोध का विषय भी एंकरिंग से जुड़ा था. द इम्पोर्टेंस ऑफ एंकरिंग इन मास कम्युनिकेशन विद् स्पेशल रेफ़्रेंस टू इंडियन न्यूज़ एंकरिंग विषय पर उन्होंने गहन अध्ययन कर अपनी थीसिस तैयार की. इंटरव्यू के दौरान उनसे कई दिलचस्प सवाल किए गए, जिनका उन्होंने सटीक उत्तर दिया. एंकर होने की वजह से कई मामलों में उन्हें इस शोध में निजी अनुभवों का फ़ायदा भी मिला.
भारतीय मीडिया जगत में अर्चना सिंह एक जाना-माना चेहरा रही हैं. पिछले दिनों उन्होंने न्यूज़ इंडिया में भी छोटे वक़्त में ही काफ़ी अच्छे शोज़ किए. इंडिया टीवी में उनका लंबा वक़्त गुजरा. अर्चना सिंह बिना लाग लपेट के अपनी बात कहने वाले पत्रकारों में शुमार की जाती हैं. वो एक नए प्रोजेक्ट की तैयारियों में जुटी हैं और अपने तरीक़े से कुछ अलग हटकर करने की प्लानिंग कर रही हैं.
ख़बरीमीडिया की तरफ़ से अर्चना सिंह को डॉक्टेरट की उपाधि के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ.