कोरोना काल में वसूली गई 15% फीस अभिभावकों को वापस मिलेगी या नहीं..पूरी ख़बर इसी पर है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनवरी में आदेश सुनाया था कि, प्राइवेट स्कूलों को कोरोना काल के दौरान ली गई फीस की 15 फीसदी राशि वापस करनी होगी या आगे के सत्र में एडजस्ट करनी होगी…
इस फैसले को चुनौती देते हुए कई स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी…जिसके बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया था। स्कूलों को ये लगा कि अब उन्हें 15 फीसदी फीस वापस नहीं करनी होगी। लिहाजा वो इसमें अपनी जीत समझने लगे हैं। लेकिन मामला इसके ठीक उलट है।
NCR पैरेंट्स एसोसिएशन के फाउंडर सुखपाल सिंह तुर ने दूध का दूध..पानी का पानी कर दिया है। तुर के मुताबिक उन बच्चों की फीस वापस नहीं होगी जो बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं..मतलब पुराना स्कूल छोड़कर नए स्कूल में एडमिशन ले लिया है। बाकी के स्कूल 15 फीसदी पैसा बच्चों की फीस में एडजस्ट करेंगे। सुप्रीम के ऑर्डर की कॉपी फिलहाल यही कह रही है।
हालांकि बीच में फीस वसूलने वाले नोएडा के 100 प्राइवेट स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था । जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी गई है। इस पर भी सुनवाई होनी है। इधर कई स्कूलों के पैरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चे की 15% फीस एडजस्ट कर दी गई थी लेकिन कोर्ट का हवाला देते हुए स्कूल दोबारा जमा रकम का भुगतान करने को कह रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्राइवेट स्कूल में बच्चों के पढ़ाने वाले मनोज कुमार का कहना है कि सभी पैरेंट्स साथ आएंगे तभी दबाव बनेगा। और अपना हक लेने में कोई बुराई नहीं है।
जाहिर है मसला गंभीर है। ऐसे में सुखपाल सिंह तुर ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम और शिक्षा अधिकारियों से अपील की है पूरे मामले पर सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए स्कूलों को फीस वापसी का आदेश जारी करें।
Read: Noida School-Parents-KHABRIMEDIA-Big news-must read-uttar pradesh,Supreme Court order