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Metro में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा ख़ेल..आप भी सावधान रहिएगा

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Metro में नौकरी तलाशने वाले लोग हो जाएं सावधान, नहीं तो होगी बड़ी परेशानी

Noida News: अगर आप भी मेट्रो (Metro) में नौकरी की तलाश में हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो से लेकर प्राइवेट कंपनियों (Private Companies) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नौकरी दिलाने का झांसा देकर 2000 से अधिक युवक-युवतियों को ठगने वाले गिरोह को पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस (Kotwali Sector-49 Police) की टीम ने ठगी गैंग के सरगना समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें चार युवतियां शामिल हैं। युवतियों को थाने से जमानत मिल गई है तो वहीं गैंग के सरगना समेत 3 आरोपियों को जेल भेजा गया है। आरोपी यूट्यूब चैनल व सोशल साइट पर विज्ञापन देकर ठगते थे।
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डीसीपी रामबदन सिंह (DCP Rambadan Singh) ने जानकारी दी कि कुछ समय से शिकायतें मिल रही थी। युवकों ने शिकायत की थी कि नौकरी के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और फाइल चार्ज के रूप में पैसे लेकर उनके साथ ठगी की जा रही है। इस मामले में कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस ने सलारपुर स्थित दफ्तर से बिजनौर के बढ़ापुर निवासी वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी उर्फ पीयूष भाटी, इकोटेक थर्ड थानाक्षेत्र के हबीबपुर गांव निवासी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी और सूरजपुर थानाक्षेत्र के मलकपुर निवासी रोहित कुमार को पकड़ा है।

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वहीं, ऑफिस में कॉलिंग का काम करने वाली अनामिका सिंह, लक्ष्मी सिंह, शिखा कुशवाहा और सबा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 11 मोबाइल, पांच फर्जी मोहरें, 2840 रुपये, फर्जी आधार और रिज्यूम फार्म, रजिस्ट्रेशन फार्म, ज्वाइनिंग लेटर और तीन रजिस्टरों समेत दूसरे सामान बरामद किए गए। ठगी में इस्तेमाल होने वाली दो कारों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। गिरोह का सरगना वसीम है जो वसीम और रोहित चंदेला सहित अन्यों से मिलकर डेढ साल से लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था।

ऐसे देते थे वारदात अंजाम

जालसाज नोएडा दिल्ली जॉब के नाम से यूट्यूब चैनल से नौकरी दिलाने का भ्रामक विज्ञापन चलाते थे। इसे देखकर अलग-अलग राज्यों के लोग नौकरी के चक्कर में इनके पास आते थे। आरोपी बेरोजगार युवक और युवतियों से 100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस और 2500 से 3000 रुपये तक फाइल चार्ज/सिक्योरिटी मनी के रूप में लिया करते थे। इसके बाद फर्जी लेटर पैड पर लोग फर्जी मोहर लगाकर नियुक्ति दे देते थे। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह औसत हर महीने 100 से 150 लोगों को ठग रहा था।

12वीं पास है गैंग का सरगना

एडीसीपी मनीष मिश्र ने जानकारी दी कि इस गैंग का सरगना वसीम अहमद वर्ष 2029 में एसी मैकेनिक का काम करने के लिए नोएडा आया था। वसीम 12वीं पास है। कुछ दिनों तक मैकेनिक का काम करने के बाद उसने यूट्यूब न्यूज चैनल शुरू किया। फिर बीटेक छात्र रोहित चंदेला और 12वीं पास रोहित कुमार को साथ लिया। एक से डेढ़ वर्ष से आरोपी यूट्यूब चैनल पर नौकरी दिलवाने के नाम पर विज्ञापन चलाए। जालसाज प्रदेश के बाहर के युवक-युवतियों को निशाने पर लेते थे, जिससे कम रकम की ठगी होने से शिकायत करने नोएडा तक न पीड़ित न आएं।

रकम मांगने पर करते थे बदनाम

जब पीड़ित पैसे वापस मांगते थे तो ठग एक्स पर बदनाम करने लगते थे। गलत पोस्ट डालकर आरोपी पीड़ितों को शांत करा देते थे। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों के सोशल मीडिया पर चार अकाउंट हैं। सभी अकाउंट का प्रयोग डराने व धमकाने के लिए किया जाता था। ठगी की रकम को आरोपी आपस में बांट लेते थे।

10 से 15 हजार मिलता था युवतियों का पैसा

जालसाजों ने सलारपुर में ठगी के लिए ऑफिस भी बनाया है। यहां से चार युवतियां बेरोजगारों को फोन करती थीं। बेरोजगारों का डाटा थर्ड पार्टी से ले लेती थी। ऑफिस में काम करने वाली चारों युवतियों को प्रति माह 10 से 15 हजार रुपये वेतन दिया जाता था।