ज्योति शिंदे के साथ नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
दिल्ली के सरकारी स्कूल में एक बार फिर से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां 12 वीं की छात्रा ने स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। ये घटना दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित SBBM Sarvodaya Vidayalaya में 29 अगस्त को घटी है।
पुलिस के मुताबिक घायल छात्रा को Sushrut Trauma Centre में एडमिट करवा दिया गया है। पुलिस के मुताबिक छात्रा ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इसकी कोई पुख्ता जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है। लेकिन लड़की द्वारा खौफनाक कदम उठाए जानें पर स्कूल में हड़कंप मच गया। बच्चे जिस प्रकार से बिना खामियाजा जानें,इस तरीके के कदम नादानी में उठा लेते हैं। ऐसे में अभिभावकों और टीचर्स को बच्चों की बच्चों की मानसिक स्थिति का पता जरूर होना चाहिए। समय समय में उनसे पूछताछ करते रहना चाहिए कि कहीं बच्चे किसी समस्या से तो नहीं जूझ रहे हैं।
NCR पैरेंट्स एसोसिएशन के फाउंडर सुखपाल सिंह तुर ने मामले को बेहद संवेदनशील बताया है। उन्होंने कहा कि पैरेंट्स-टीचर और छात्रों के बीच ऐसी बॉन्डिंग होनी चाहिए ताकि बच्चे अपनी परेशानियां उनसे शेयर कर सकें। कम उम्र की वजह से बच्चों को सही-गलत का अंदाज़ा बिल्कुल नहीं होता।
ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम का मानना है कि कई बार बच्चे डर की वजह से ना तो स्कूल और ना ही पैरेंट्स से अपनी बातें शेयर करते हैं। ऐसे में पैरेंट्स और टीचर्स को आगे आकर बच्चों से उनके दिल-दिमाग में क्या चल रहा है। उस बारे में बात जरूर करनी चाहिए
रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि कम उम्र..गैजेट का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल बच्चों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है, उनकी बौद्धिक क्षमता पर इसका असर डाल रहा है। ऐसे में पैरेंट्स और टीचर्स बच्चों के साथ जितनी अच्छी बॉन्डिंग रखेंगे। उतना ही अच्छा कदम साबित होगा।