ग्रेटर नोएडा वेस्ट(Greater Noida West की सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1 में पिछले एक हफ्ते से एक नाम बेहद चर्चा में रहा वो है अंजू अग्रवाल(Anju Agarwal) का। ये वहीं अंजू अग्रवाल हैं जिन्होंने सुपरटेक इकोविलेज-1 की AR रेस में दूसरी पोजीशन हासिल की..जिसके दो-तीन दिन बाद खबर आई कि सुपरटेक के दिवालिया सुपरटेक सुपरनोवा(Supertech Supernova) केस में NCLT कोर्ट ने सुपरटेक रियलटॉरस को दिवालिया घोषित करते हुए अंजू अग्रवाल को आईआरपी घोषित कर दिया है। अब पूरी कहानी विस्तार से जानिए और समझिए
सुपरटेक इकोविलेज-1 में रेजिडेंट्स की समस्याओं को ऊपर तक पहुंचाने और जनता की आवाज बनने के लिए AR(Authorised Representative) की वोटिंग करवाई गई। जिसमें उन लोगों ने हिस्सा लिया जिनके इकोविलेज-1 में फ्लैट है। ये वोट करने वाले और जिनके लिए वोट कर रहे हैं दोनों पर ये नियम लागू था। पूरी प्रक्रिया में इकोविलेज-1 से विजय चौहान जिन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले थे उन्होने पहली पोजीशन हासिल की। लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहीं अंजू अग्रवाल..और तीसरे नंबर पर महेंद्र कुमार महिंद्रा रहे। लेकिन सवालों की सूई अंजू अग्रवाल पर जाकर टिक गई।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सुपरटेक इकोविलेज-1 में अंजू अग्रवाल का कोई फ्लैट नहीं है, अगर है भी तो संज्ञान में नहीं है। सवाल यही कि अगर अंजू अग्रवाल का सुपरटेक में फ्लैट नहीं है तो AR वोटिंग के लिए वो दावेदार कैसे बन गईं।
सूत्रों के मुताबिक ये सारा खेल ऊपर के लेवल का है। अंजू अग्रवाल को इसलिए मैदान में उतारा गया ताकि उनके पक्ष में वोटिंग करवाकर उन्हें AR बना सके। सूत्र तो ये भी बता रहे हैं कि AR चुनाव में डेटा का भी हेरफेर किया गया। लेकिन जब नतीजे आए तो अंजू अग्रवाल मौजूद लिस्ट में दूसरे नंबर पर आईं और सारा खेल ही पलट गया। जबकि IRP के द्वारा रिजॉल्यूशन प्रपोजल में AR के रूप में अंजु अग्रवाल का नाम पहले से ही Ecovillage 1 के निवासी ने खारिज कर दी है जिसका जिक्र IRP के द्वारा कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज में भी हैं।
और तो और AR वोटिंग के 2 दिन के अंदर अंजू अग्रवाल सुपरटेक के दिवालिया हुए प्रोजेक्ट सुपरटेक सुपरनोवा में NCLT कोर्ट द्वारा IRP घोषित हो गईं। मतलब अंजू अग्रवाल फिल सुपरटेक इकोविलेज-1 AR रेस से बाहर..बाकी क्या सच है और क्या झूठ ये फैसला आपको करना है।