चंडीगढ़, 3 सितंबर
पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ( Harpal Cheema) ने आज पंजाब विधान सभा में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान(CM Maan) द्वारा पेश किए गए पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट 1995 (पापरा एक्ट 1995) में संशोधन को पंजाब की अर्थव्यवस्था को सुधारने और आम लोगों को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार देते हुए इसकी प्रशंसा की।
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पंजाब विधान सभा में इस संशोधन के पक्ष में बोलते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह संशोधन पंजाब के उन लोगों को राहत पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिन्हें 31 जुलाई, 2024 से पहले लिखित समझौते के तहत खरीदे गए अपने छोटे-छोटे प्लॉटों के लिए अब एनओसी की प्रक्रिया का बोझ नहीं सहना पड़ेगा। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि वे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का आम लोगों के बारे में सोचने और यह संशोधन लाने के लिए धन्यवाद करते हैं।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि 1995 में बने पापरा एक्ट का उद्देश्य अवैध कॉलोनियों को रोकना था, लेकिन कांग्रेस और अकाली-भाजपा के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों की विफलताओं के कारण ये अवैध कॉलोनियां बड़े पैमाने पर फैल गईं, जिनमें पानी की आपूर्ति, सीवरेज और आवश्यक चौड़े रास्तों जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये कॉलोनियां धोखाधड़ी गतिविधियों का केंद्र बन गई हैं, जहां भोले-भाले लोगों को गुमराह करके उनका शोषण किया जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के साथ 500 गज तक के प्लॉटों को अब एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी और वे बिना किसी कठिनाई के बिजली कनेक्शन, सीवरेज और रजिस्ट्री जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस कदम से सरकारी खजाने के लिए राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे सरकार द्वारा इन कॉलोनियों में बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि यह पंजाब के इतिहास में एक बड़ा निर्णय है और इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो अपने प्लॉटों की रजिस्ट्री करवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन प्लॉटों की रजिस्ट्री होने से राज्य के खजाने में राजस्व भी प्राप्त होगा।