Corona के बाद अब चमगादड़ से फैला ये वायरस, 100 में से 90 की ले लेती है जान
Marburg Disease: देश के लोगों के मन से कोविड 19 (Corona) का डर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है कि एक और नया वायरस (Virus) फैसले का खतरा बना हुआ है। सबसे हैरान और डरा देने वाली बात यह है कि नई बीमारी में भी कोरोना की तरह चमगादड़ों (Bats) से फैलने का शक है। डॉक्टरों के मुताबिक ये इससे ग्रसित होने वाले 90% मरीजों के लिए जानलेवा है। आपको बता दें कि अब तक दुनिया में इससे 8 मरीजों की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ेंः Gmail: आ गया जीमेल का नया फीचर..आपने इस्तेमाल किया क्या?
जानिए क्या है नए वायरस के लक्षण
बता दें कि इन नए वायरस का नाम Marburg है। इसके होने के बाद मरीजों में बुखार, खाने पर कोई स्वाद न आना, तेज सिरदर्द और बदन दर्द जैसी समस्या होती है। मारबर्ग वायरस (Marburg Disease) से मरीजों में दस्त, पेट में गांठ जैसा महसूस होना, उल्टी और पेट में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
अब तक Marburg के 26 मामले आए सामने
अभी यह बीमारी पूर्वी अफ्रीका के रवांडा में फैली हुई है। यहां के हालत देखते हुए डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) ने अफ्रीकी देशों में इसके खतरे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवांडा में अब तक इसके 26 मामलों की पुष्टि हो गई है।
ये भी पढे़ंः दफ़्तर में HCL के इंजीनियर की मौत..ये रही डिटेल
भारत में फैलने का खतरा ज्यादा
डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार रवांडा के 30 जिलों में ये संक्रमण फैला है। सभी 26 में से 20 मरीजों की हालत काफी खराब बनी हुई है। अफ्रीकी देशों से इंडिया आने वाले लोगों से इस वायरस के यहां फैलने का खतरा काफी ज्यादा है। फिलहाल रवांडा में मरीजों को आइसोलेशन में रखा गया है। इसके साथ ही संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लगभग 160 लोगों की निगरानी की जा रही है।
क्या मारबर्ग की कोई दवा है
मारबर्ग की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है लेकिन खून रोकने के लिए कई दवाइयां दी जाती है, इसके साथ इम्यून थेरेपी से भी इसे ठीक करने का प्रयास किया जाता है। दर्द की दवा भी दी जाती है। वहीं मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। हालांकि इन सबके बावजूद इस बीमारी में मौत का प्रतिशत 88 है। जो लोग इस बीमारी से ठीक भी हो जाते हैं, उन्हें लंबे समय तक कई तरह की दिक्कतें होती रहती है। मसल्स में दर्द और हेयर लॉस इसके बाद में होने वाले प्रमुख लक्षण है।