Plot in Greater Noida

15 साल बाद ग्रेटर नोएडा में 1326 लोगों को मिलेगा प्लॉट, ये रही डिटेल

दिल्ली NCR
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Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के 1326 प्लॉट खरीदारों के लिए अच्छी और खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि यमुना विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) की सबसे पहली स्कीम में फंसे लगभग 1326 प्लॉट खरीदारों को 15 साल बाद प्लॉट पर कब्जा मिलने वाला है। बता दें कि भट्टा पारसौल कांड (Bhatta Parsaul Incident) के कारण से यह लोग पिछले 15 सालों से प्लॉट का पजेशन पाने के लिए इंतजार में ही थे। साल 2009 में इनके आवासीय स्कीम (Residential Scheme) के ड्रा में नाम निकले थे। तब से लेकर मामला अथॉरिटी (Yamuna Authority) और किसानों के विवाद का कोर्ट में चल रहा था लेकिन अब किसानों के साथ विवाद खत्म हो गया है और किसानों ने जमीन देने का तैयार हो गए हैं। जिसके चलते फिलहाल 1326 लोगों को प्लॉट मिलने वाले हैं। बाकी यहां 800 लोगों को इससे पहले कब्जा मिल चुका है। आपको बता दें कि कुल करीब 2100 लोग इसमें फंसे थे।
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Pic Social Media

यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) की भट्टा पारसौल में फंसे 1326 प्लॉट पर किसानों के साथ सहमति बन गई है। 25 जुलाई तक किसानों को मुआवजे का वितरण हो जाएगा, वहीं दिसंबर तक प्राधिकरण यहां पर सड़क, सीवर संबंधी दूसरे कार्य भी पूरा कर लेगा। भट्टा पारसौल गांव (Bhatta Parsaul Village) में यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने सेक्टर 18 और 20 के आवासीय क्षेत्र को विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए साल 2009 में किसानों की जमीन को धारा-4 और 6, 9 की कार्रवाई कर प्राधिकरण ने अधिग्रहण किया।
इसके बाद किसानों ने विरोध किया और मामला कोर्ट (Court) में हने के कारण से प्राधिकरण को कब्जा नहीं मिल पाया। इसमें 2100 आवंटी ऐसे हैं, जिन्होंने पैसा का तो भुगतान कर दिया है लेकिन कब्जा नहीं पाए हैं। इस दौरान 700 से ज्यादा केस कोर्ट में दर्ज हो गए थे। यीडा ने किसानों से वार्ता का क्रम जारी रखा और कुछ साल पहले 800 आवंटियों को कब्जा दिलाया। अब प्राधिकरण ने 1326 प्लॉट पर कब्जा की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है और किसानों को मुआवजे के लिए तैयार कर लिया है। आपको बता दें कि साल 2009 में योजना बनाते समय यीडा के अधिकारियों ने आफिसों में बैठकर ही सेटेलाइट सर्वे किया था। इसमें किसानों की जमीन पर आबादी है या नहीं इसका भी ध्यान नहीं रखा गया।

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डॉ. अरुणवीर सिंह (Dr. Arunvir Singh), सीईओ, यमुना प्राधिकरण ने कहा कि भट्टा और पारसोल में लाई गई स्कीम में 2100 आवंटियों को प्लॉट पर कब्जा नहीं मिल पाया था। किसानों से सहमति बनाकर 1326 प्लॉट को तैयार कर लिया है। पहले 800 आवंटियों को कब्जा मिल चुका है। यह यीडा की पहली योजना थी, जिसे 2009 में लागू किया गया था। इसे 15 साल बाद अब पूरा किया जा रहा है।

700 रिट हुई खत्म 16 पर होगा फैसला

आपको बता दें कि इस मामले में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ 719 रिट कोर्ट में दायर हुई थी। जिसमें से यीडा की ओर से वार्ता और सहमति के आधार पर इन्हे खत्म कराया गया। पारसोल गांव में 55 रिट बची थी, मगर इनसे भी सहमति बना ली गई है। अब 16 रिट पर कोर्ट का फैसला होना बाकी है, हालांकि प्राधिकरण इन्हें भी समाप्त कराने के लिए किसानों से लगातार बातचीत करने का प्रयास कर रहा है। प्राधिकरण का मानन है कि क्षेत्र में विकास कार्य होने के बाद किसान भी जमीन देने के लिए राजी हो जाएंगे।