Noida News: नोएडा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा में चिकित्सा व्यवस्था की सच्चाई बताने वाली घटना सामने आई है, जहां वेंटिलेटर (Ventilator) के लिए दो अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी एक पिता ने अपनी बच्ची की जान नहीं बचा पाया। नवजात बच्ची को भर्ती न किए जाने की वजह से बच्ची की जान चली गई। आरोप है कि पहले उसे जिम्स अस्पताल (JIMS Hospital) में बेड की कमी बता कर नोएडा चाइल्ड पीजीआई (Noida Child PGI) रेफर किया गया। लेकिन चाइल्ड पीजीआई नोएडा ने इलाज में 20 हजार रुपये का खर्चा बताया। बच्ची के पिता के पास उसे भर्ती करने के उस समय पैसे नहीं थे। इसके बाद जब बच्ची के पिता ने दूसरे अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस मांगा तो उसे वह भी नहीं दिया गया।
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इनसब के बाद भी मजबूर पिता, बच्ची को ऑटो से लेकर ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के बादलपुर के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। हालांकि वहां पता चला कि रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई थी। आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के छपरौला निवासी ऑटो चालक इरफान खान ने जानकारी दी कि उसकी पत्नी ने बादलपुर के स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची रोई नहीं और उसे सांस लेने में समस्या हो रही थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल रेफर कर दिया। वहां बेड खाली न होने के चलते बच्ची को भर्ती नहीं किया गया।
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इसके बाद बच्ची के पिता उसे चाइल्ड पीजी लेकर पहुंचे लेकिन वहां उसे 20 हजार रुपये का खर्च और भर्ती करने का 7-8 हजार खर्च जमा करने को कहा गया। भर्ती करने तक के पैसे न होने के चलते डॉक्टरों ने बच्ची को भर्ती नहीं किया। इसके बाद बच्ची को बादलपुर के स्वास्थ्य केंद्र ले जाते समय उसकी जान चली गई। चाइल्ड पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. आकाश राज ने कहा कि यहां भर्ती करने की फीस लगती है। वहीं सीएमएस को इस प्रकरण के बारे में जानकारी नहीं है।