Bank FD: बैंक में फिक्सड डिपॉजिट यानी FD कराने वालों के लिए अच्छी और बड़ी खबर है। आपको बता दें कि FD को निवेश का सुरक्षित और सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला तरीका माना जाता है। अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिक्सड डिपॉजिट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि, बैंक ने बल्क फिक्सड डिपॉजिट की लिमिट मौजूदा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी है। बल्क फिक्सड डिपॉजिट पर रिटेल डिपॉजिट की तुलना में थोड़ा ज्यादा ब्याज मिलता है। एकमुश्त पैसे जमा करने की प्रक्रिया को बल्क डिपॉजिट की कैटेगरी में ही रखते हैं। बैंकों के पास अपनी जरूरतों और परिसंपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन (ALM) अनुमानों के मुताबिक बल्क डिपॉजिट पर अलग-अलग ब्याज दर देने का अधिकार है।
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जानिए क्या कहा आरबीआई के गवर्नर ने
आपको बता दें कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने इसको लेकर कहा कि कॉमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए 3 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा की रकम को बल्क फिक्सड डिपॉजिट के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके साथ ही, स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमा सीमा को एक करोड़ रुपये और उससे अधिक के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि 3 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा की रकम को बल्क डिपॉजिट के रूप में रखने का प्रस्ताव थोक जमा को चुनौतीपूर्ण बना देगा। लेकिन, छोटे जमाकर्ताओं पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
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निर्यात-आयात पर फैसला
कारोबार को आसान बनाने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात और आयात के लिए दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किया है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे कारोबार सुगमता को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल पेमेंट पर भी फैसला
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के विषय में शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि इस माहौल में नेटवर्क स्तर की खुफिया जानकारी और तत्काल आधार पर आंकड़ों को साझा करने के लिए एक डिजिटल भुगतान आसूचना मंच स्थापित करने का प्रस्ताव है।