Jyoti Shinde,Editor,Khabrimedia
Greater Noida West की सोसायटी है सुपरटेक इकोविलेज-1(Supertech Ecovillage-1) में अभी 50 टावर्स का पजेशन दिया गया है, जिसमें कुल 7932 फ्लैट है,जिसमे करीब 6500 फ्लैटों मैं परिवार रह रहे हैं। लेकिन गर्मी शुरू होते ही यहां हर साल बिजली संकट का असर दिखना शुरू हो जाता है। रात-रात भर बिजली नहीं रहती है। डीजी भी काम नहीं करता है। जिससे यहां के स्थानीय निवासी बेहद त्रस्त हैं। सड़कों पर उतर रहे हैं..हंगामा कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
इससे त्रस्त आकर सुपरटेक के निवासियों जिनमें अलोक रस्तोगी, विजय चौहान, रंजना सूरी भरद्वाज, बिट्टू मिश्रा एवं जीएस वर्मा समेत तमाम लोग मौजूद रहे। इन्होंने एनपीसीएल से डीजीएम आशीष रंजन, डिप्टी मैनेजर कौशिक मित्रा, मुकेश कुमार, नीरज कुमार, शिवम पांडेय, वाय जी एस्टेट्स के तरफ से ईश्वर गिरी, निखिल शिशोदिया, अंशुल त्यागी के साथ मीटिंग की। मीटिंग लंबी चली। सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसके बाद NPCL ने मामले की गंभीरता समझी और शुक्रवार यानी कल एक बार फिर से सर्वे करवाने की बात कही।
सुपरटेक प्रबंधन और मेंटेनेंस एजेंसी वाय जी एस्टेट्स के इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सुपरटेक के निवासी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। निवासियों की मांग पर परियोजना हेड वीके शर्मा ने एनपीसीएल से सर्वे करने का अनुरोध किया परन्तु एनपीसीएल ने जवाब दिया कि सर्वे का अनुरोध आईआरपी के तरफ से आने के बाद ही सर्वे किया जाएगा। निवासियों के चौतरफा दबाव में आईआरपी हितेश गोयल ने एनपीसीएल से सर्वे करने का अनुरोध किया। एनपीसीएल की एक टीम डीजीएम आशीष रंजन की अगुवाई में सुपरटेक इकोविलेज-1 आई और मौजूदा इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का सर्वे किया।
सबसे पहले एनपीसीएल की टीम ने मौजूदा इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच करते हुए रोजाना रात में एनपीसीएल के फीडर वाले फ्यूज उड़ने के कारण को ढूंढा। एनपीसीएल टीम की सर्वे में कई कमियां निकल कर आई जिसमे प्रमुखता स्वीकृत लोड कम होना, उपकरणों का उचित रखरखाव ना होने की वजह से करंट लीक करना, ट्रांसफार्मर पर प्रोटेक्शन रिले ना होना और मीटर रूम में सीपेज की वजह से नमी की समस्या रही।
सुपरटेक और मेंटेनेंस एजेंसी वाय जी एस्टेट्स की तरफ से निदेशक नितीश अरोड़ा सोसाइटी निवासियों को लगातार बता रहे कि पिछले साल से अब तक लगभग 6.5 करोड़ रूपये लगाकर सोसाइटी की इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक किया गया है। सुपरटेक प्रबंधन और मेंटेनेंस एजेंसी वाय जी एस्टेट्स ने एनपीसीएल की टीम को बताया कि पहले 10एमवीए का एक ट्रांसफार्मर था जिसे बढ़ाते हुए 5एमवीए का एक नया ट्रांसफार्मर लगाया गया है। पिछले साल के मुकाबले कई नए सब स्टेशन बनाए गए हैं और डीजी भी बढ़ाए गए हैं। एनपीसीएल की टीम ने नए लगाए गए 5एमवीए के ट्रांसफार्मर को तत्काल 10एमवीए करने का सुझाव दिया। साथ ही लोड बढ़वाने, बिजली के उपकरण बढ़ाने और कई उपकरणों के प्रोग्रामिंग में बदलाव करने का निर्देश दिया है।
बैठक में निवासियों ने मौजूदा इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में अनेकों कमियां मिलने पर नितीश अरोड़ा के 6.5 करोड़ रुपये खर्चने वाली बात पर सवाल खड़े किए हैं। निवासियों ने बताया कि खुद एनपीसीएल की टीम भी यह पता नहीं लगा पायी कि पिछले साल के मुकाबले आखिर 6.5 करोड़ के कौन से नए उपकरण लगा दिए। निवासियों ने एनपीसीएल की टीम का आभार व्यक्त करते हुए आगे भी सोसाइटी के इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की नियमित जांच करते रहने की अपील की।