Noida News: नोए़डा ग्रेटर नोएडा में अगर आप भी प्लॉट (Plot) खरीदना चाहते हैं तो जरा सावधान हो जाइए। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में प्लॉट के नाम पर बड़ा खेल चल रहा रहा है। बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनियां तैयार की जा चुकी हैं। कई का निर्माण कार्य अभी भी जोरों पर चल रहा है। देश भर से यहां आकर काम करने वाले मिडिल क्लास के लोग नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) और यूपीसीड़ा (UPSIDA) अधिसूचित क्षेत्रों में आकर रोजगार कर रहे हैं। यह काम करने वालों का सपना होता है कि नोएडा ग्रेटर नोएडा में उनका भी घर हो। यहां रहकर वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और रोजगार उपलब्ध करा सके।
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ऐसे लोग भूमाफियाओं और कॉलोनाइजरों के निशाने पर बड़ी जल्दी आ जाते हैं। इनके द्वारा दावा किया जाता है कि प्राधिकरण, जिला पंचायत, नगरपालिका अथवा नगरपंचायत से नक्शा पास होने के बाद ही कॉलोनी को बनाया जा रहा है। उक्त कॉलोनी पूरी तरह से वैध है। भूमाफियााओं ओर कॉलोनाइजरों के बस इसी झूठ और भ्रम के जाल में आम आदमी फंस जाता है और अपनी गाढ़ी कमाई फंसा देता है। आधी अधूरी कॉलोनी बसाने के बाद कॉलोनाइजर गायब हो जाते हैं। झेलना आम आदमी और उसके परिवार को पड़ता है।
यमुना प्राधिकरण की टूटी नींद होगी कार्रवाई
यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) की अधिसूचित जमीन पर नक्शा पास करके कॉलोनी बसाए जाने के लिए यमुना प्राधिकरण ने दनकौर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को निलंबित किए जाने का संस्तुति पत्र शासन के पास भेज दिया है। प्राधिकरण के आरोपी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करने की भी तैयारी हो रही है। लेकिन यमुना प्राधिकरण ने मामले का संज्ञान देर से लिया है। इस बात का पता चलता है कि नक्शा पास कराने के नाम पर किस प्रकार से बड़े पैमाने पर खेल हो रहा है। नक्शा पास कराने का दावा कॉलोनाइजरों के हाथ में ऐसा हथियार है जिससे अंतत: आम आदमी की ही गर्दन पर प्रहार होता है।
आपको बता दें कि, आम आदमी इस उम्मीद पर नक्शा पास होने के बाद बसाई गई कॉलोनी में घर खरीदने के लिए राजी हो जाता है कि अगर भविष्य में उनके सामने मूलभूत सुविधाओं को लेकर कोई समस्या खड़ी होगी तो प्राधिकरण और प्रशासन उनका साथ देगा। जब उन्हें पता चलता है कि वह कॉलोनी प्राधिकरण अथवा प्रशासन से स्वीकृत नहीं है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
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कॉलोनी के नाम पर बसाई जा रही है पूरी टाऊनशिप
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के अधिसूचित गांव गुलिस्तानपुर के पास यूपीसीड़ा की औघोगिक साइट के बीचों बीच करीब सैकड़ों बीघा जमीन पर कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी के नाम पर बाकायदा पूरी टाऊनशिप ही तैयार की जा रही है। लेकिन यह जमीन कोर्ट द्वारा अधिग्रहण से बाहर कर दी गई है। इसके बाद भी यह जमीन अभी भी अधिसूचित क्षेत्र में स्थित है। इसके कॉलोनाइजरों और डवेलपरों द्वारा यूपीसीडा (UPSIDA) द्वारा एनओसी (NOC) और जिला पंचायत से नक्शा पास होने की बात कहकर प्लॉट और डयूप्लेक्स आवासों का भी निर्माण हो रहा है। लेकिन इस पूरे निर्माण पर जांच के नाम पर ग्रेटर नोएडा, यूपीसीडा और जिला प्रशासन आंखें बंद किए हुए हैं। सवाल यह भी उठता है कि जिस देरी और भूल का यमुना प्राधिकरण के आला अधिकारियों को आभाष हुआ है, उसका आभाष ग्रेटर नोएडा और यूपीसीड़ा को आखिर क्यों नहीं हो रहा है ?
तेजी से बसाई जा रही है टाऊनशिप
इस टाऊनशिप को बिना नक्शा पास के तेजी से बनाया जा रहा है। लोगों को यहां घर और प्लॉट खरीदने के लिए लुभावने एवं आकर्षक तरीकों से प्रेरित किया जा रहा है। इस कॉलोनी का प्रचार एवं प्रसार भी हो रहा है। कॉलोनाइजरों और डवेलपरों द्वारा इसके निर्माण के लिए यूपीसीडा से एनओसी और जिला पंचायत विभाग से नक्शा पास कराए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन यूपीसीडा की तरफ से किसी भी प्रकार की एनओसी दिए जाने से स्पष्ट इंकार किया है। वहीं, जिला पंचायत विभाग के अपर मुख्य अधिकारी एनके सिंह ने इस जमीन पर कॉलोनी बसाए जाने का नक्शा पास कराए जाने के लिए केवल पत्राचार की बात कही है। अभी तक नक्शा पास नहीं कराया गया है। उन्होंने स्वीकार किया है कि जिला पंचायत को इस संबंध में नक्शा पास कराए जाने का अधिकार नहीं है।
ए के सिंह, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत विभाग ( गौतम बुद्ध नगर) ने कहा कि इस जमीन पर नक्शा पास कराने के लिए जिला पंचायत को आवेदन प्राप्त हुआ है। अभी नक्शा पास नहीं हुआ है। जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्र में केवल मकान का ही नक्शा पास कर सकता है। बहुत बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए इस प्रकार का नक्शा जिला पंचायत स्वीकृत नहीं कर सकता है। आवश्यकता पड़ने पर विधिक राय लेंगे