Noida के ज़ेवर एयरपोर्ट तक चलेगी ट्रेन..यहाँ बनेंगे नए रेलवे स्टेशन

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
Spread the love

Noida Airport: नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आफको बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा (Delhi-Howrah) और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग (Delhi-Mumbai Railway) से कनेक्ट किया जाएगा। इस ट्रैक पर पांच नए स्टेशन बनाए जाएंगे। उत्तर मध्य रेलवे ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाकर प्रस्तुत कर दी है। साथ ही भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने परियोजना को मंजूरी भी दे दी है।

ख़बरीमीडिया के Youtube चैनल को फौलो करें।
ये भी पढ़ेंः Noida के 27 बड़े स्कूलों को नोटिस..वजह भी जान लीजिए

Pic Social media

यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के सीईओ अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और मुंबई से कनेक्ट करने की योजना एक साल पहले बननी शुरू हुई थी। उत्तर मध्य रेलवे को स्टडी कर डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी मिली थी। रेलवे ने अब इसका खाका तैयार कर मंगलवार को डीपीआर प्रस्तुत कर दी। इन दोनों रेलमार्ग को एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर का ट्रैक बिछेगा।

यह ट्रैक हरिणाया में पलवल के पास रुंधी स्टेशन से शुरू होगा और यमुना को पार कर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। फिर नोएडा एयरपोर्ट से होते हुए बुलंदशहर के चोला स्टेशन पर समाप्त होगा। ट्रैक बिछने के बाद एयरपोर्ट से रुंधी स्टेशन की दूरी 19.20 किलोमीटर और चोला स्टेशन से एयरपोर्ट की 18.6 किलोमीटर होगी। एयरपोर्ट पर जीटीसी तक भूमिगत ट्रैक बनाकर नमो भारत को कनेक्ट करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर भी बात चल रही है। तीनों ट्रेनों को जीटीसी से कनेक्ट करना सरल काम नहीं होगा। ऐसे में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (यापल) किन्हीं दो ट्रेनों से जोड़ने पर विचार कर रहा है।

ये भी पढ़ेः Noida-ग्रेटर नोएडा..CNG किट लगवाने वाले पहले ये खबर पढ़ लीजिए

रूट पर बनेंगे ये स्टेशन

रुंधी, चांदहट, जेवर खादर, नोएडा एयरपोर्ट, जहांगीरपुर, बीघेपुर और चोला। इनमें रुंधी और चोला स्टेशन पहले से बने हुए हैं।

भूमिगत ट्रैक या स्टेशन बनाने पर हो रहा है विचार

रेलमार्ग को एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) से भी कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए भूमिगत ट्रैक या स्टेशन बनाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन, अभी इसकी रूपरेखा तैयार नहीं हुई है कि जीटीसी को जोड़ने के लिए कितने किलोमीटर का भूमिगत ट्रैक बिछाया जाएगा।