Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान के बाद सभी दलों ने अपनी तैयारी और तेज कर दी है। लोकसभा चुनाव 2024 को सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। वहीं देश की राजधानी दिल्ली की तो यहां एक चरण में मतदान होगा। दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई को छठे चरण के दौरान वोटिंग होगी। केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी, दिल्ली की सभी 7 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पहले ही कर चुकी है। बीजेपी ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) को प्रत्याशी बनाया है। जानिए कौन हैं बांसुरी स्वराज जो AAP पार्टी के सत्येंद्र जैन के खिलाफ़ चुनाव मैदान में हैं।
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जानिए कौन हैं बांसुरी स्वराज
आपको बता दें कि बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल की बेटी हैं। इन दिनों राजनीति के गलियारों में इनके नाम को लेकर खूब चर्चा चल रही है। लेकिन अपनी मां की तरह उनकी पहचान इतनी हीं है। वो अपने आप में एक काबिल वकील होने के साथ ही BJP की सह-संयोजक भी हैं। बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह टिकट दिया है।
क्या है बांसुरी का इतिहास
बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) का जन्म 3 जनवरी 1984 में हुआ था। इन्होने Birkbeck, University of London से English literature में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) से लॉ में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। बांसुरी स्वराज 2007 में दिल्ली के बार काउंसिल में शामिल हुई और अब सुर्पीम कोर्ट में वकील हैं। 2023 में बीजेपी ने इन्हें पार्टी की सह-संयोजक बनाया। आपको बता दें कि बांसुरी को वकालत का 16 साल का अनुभव हो गया है और उन्होनें रियल एस्टेट, कांट्रेक्ट और टैक्स आदि से जुड़े कई हाई प्रोफाइल केस में अपना योगदान दिया है।
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में आने से पहले भी कई बार बांसुरी चर्चा में रह चुकी है। 2019 में जब उन्होनें अपनी मां सुषमा स्वराज के अंतिम संस्कार के रीति रिवाज निभाए थे। तब उनकी खूब तारीफ हुई थी।
जब बांसुरी स्वराज से उनकी स्वर्गीय मां के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अपने पिछले जीवन में, मैंने सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को अपनी मां बनाने के लिए कुछ अच्छे कर्म किए होंगे। वहीं मेरी प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं। ऐसा कहा जाता है कि बांसुरी भी अपनी मां की तरह निडर और बेबाक है।
BJP ने बांसुरी को आखिर क्यों बनाया उम्मीदवार
बीजेपी ने नई दिल्ली सीट के जिस सीट से बांसुरी को उम्मीदवार बनाया है, उसके अंतर्गत विधानसभा की 10 सीटें आती हैं। इसमें तत्कालीन दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट के कुछ हिस्से भी शामिल हैं, जहां से सुषमा स्वराज पहली बार 1996 में और फिर 1998 में जीत हासिल की थी। बीजेपी नेताओं की मानें तो, भले ही सुषमा स्वराज ने कम समय के लिए ही दिल्ली के सीएम का पद संभाला था, लेकिन इसका लाभ बांसुरी को चुनाव में देखने को मिल सकता है।
बात करें दिल्ली की 7 सीटों में नई दिल्ली लोकसभा सीट की तो पिछले दो लोकसभा चुनाव से लगातार बीजेपी जीत रही है और दोनों ही मौकों पर मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने यहां पर बीजेपी से जीत दर्ज की है। लेकिन बीजेपी ने इस बार यहां से पार्टी की पूर्व कद्दावर नेता और मंत्री रहीं सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है। दूसरी तरफ बीजेपी को चुनौती देने के लिए I.N.D.I गठबंधन का हिस्सा बनी आम आदमी पार्टी (AAP) ने मालवीय नगर विधानसभा से तीन बार के विधायक और पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील सोमनाथ भारती को चुनावी मैदान में उतारा है।
बांसुरी के लिए कितनी बड़ी है चुनौती?
नई दिल्ली से BJP उम्मीदवार बांसुरी स्वराज की चुनावी चुनौती की बात करें तो उनकी राजनीतिक पारी लंबी नहीं है, लेकिन बहुत कम ही समय में उन्होंने बीजेपी और राजनैतिक जीवन में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। बांसुरी पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) की बेटी हैं, इससे उनकी सबसे बड़ी पहचान है। उन्हें राजनीति विरासत में मिली है। 42 वर्षीय बांसुरी युवाओं की पंसद बन चुकी हैं शायद यही वजह है कि उन्हें नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है।
किससे होगा मुकाबला?
इस सीट पर इंडिया (I.N.D.I.) गठबंधन सोमनाथ भारती को अपना प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया है। सोमनाथ भारती ने अपने दम पर राजनीति में अपने लिए एक अलग पहचान बनाई है। अन्ना आंदोलन से सियासत में कदम रखने वाले सोमनाथ भारती दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते हैं। वे तीन बार लगातार मालवीय नगर विधानसभा सीट से AAP के विधायक रहे हैं और पेशे से वे सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। अपने क्षेत्र में इनकी काफी अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि I.N.D.I गठबंधन की तरफ से जीत हासिल करने के लिए उनके चेहरे पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भरोसा जताया है।