चंडीगढ़, 15 मार्च: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और उनकी सरकार की तरफ से राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। और इसमें पंजाब पुलिस का भरपूर साथ मिल रहा है। यही वजह है कि सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा पुख्ता बनाने के लिए सीएम मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने हरेक पुलिस जिले में साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन स्थापित करने को दी हरी झंडी दे है।
इस पहल के तहत पंजाब सरकार द्वारा सभी 28 पुलिस जिलों समेत तीन कमिश्नरेटों में 28 नये साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन जल्द स्थापित किये जाएंगे। यह जानकारी यहाँ शुक्रवार को पंजाब के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
गौरतलब है कि साईबर क्राइम की चुनौती को प्रभावी और गंभीरता से निपटने की ज़रूरत को पहचानते हुए, पंजाब पुलिस ने अपनी साईबर क्राइम जांच के बुनियादी ढांचे की क्षमता को और बेहतर एवं मज़बूत करने के लिए प्रस्ताव भेजा था।
डीजीपी गौरव यादव ने साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन स्थापित करने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंज़ूरी देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी, आईडैंटिटी थैफ्ट, साईबरबुलिंग, हैकिंग और ऑनलाइन स्कैमों की जांच करने और निपटने के लिए समर्पित हब के तौर पर काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन अति-आधुनिक टैक्नॉलॉजी से लैस होंगे और स्टाफ में डिजिटल फोरेंसिक और साईबर क्राइम जांच में माहिर उच्च प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों को तैनात किया जायेगा। यह पुलिस स्टेशन सम्बन्धित जि़लों के एसएसपी/सीपी की निगरानी में काम करेंगे और अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजीपी) साईबर क्राइम द्वारा समूची निगरानी में काम करेंगे। फि़लहाल, राज्य में एक साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन कार्यशील है, जिसको 2009 में नोटीफायी किया गया था।
डीजीपी ने आगे बताया कि साईबर क्राइम जांच में पुलिस की काबिलियत और कुशलता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने स्टेट साईबर क्राइम डिवीजऩ में डिजिटल जांच प्रशिक्षण और विश्लेषण केंद्र (डीआईटीएसी लैब) और जि़ला स्तर पर साईबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन और टैक्निकल स्पोर्ट यूनिट्स को अपग्रेड करने के लिए 30 करोड़ रुपए के फंड भी मंज़ूर किये हैं।
उन्होंने कहा कि नवीनतम सॉफ्टवेयर फोरेंसिक टूल के शामिल होने से बाल यौन उत्पीडऩ सामग्री (सीएसएएम), जीपीएस डेटा पुनप्र्राप्ति, आईओएस/एंड्रॉइड पासवर्ड ब्रेकिंग, क्लाउड डेटा पुनप्र्राप्ति, ड्रोन फोरेंसिक और क्रिप्टोकरेंसी मामलों से निपटने के लिए पंजाब पुलिस की क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
अधिक विवरण देते एडीजीपी ( साईबर क्राइम) वी. नीरजा ने कहा कि अपराधी ऑनलाइन बुनियादी ढांचे की ख़ामियाँ का फ़ायदा उठाने के लिए डिजीटलाईज़ेशन का प्रयोग कर रहे हैं, जिस कारण इन अपराधों के शिकार व्यक्तियों और कारोबारों को नुकसान बर्दाश्त करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नौजवान और सीनियर सिटिजन भी साईबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि इन नये साईबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की स्थापना से साईबर क्राइम से निपटने में काफ़ी मदद मिलेगी।
जि़क्रयोग्य है कि ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी सम्बन्धी कॉल सुनने और एन.सी.आर.पी. पोर्टल पर रिपोर्टें प्राप्त करने के लिए हेल्पलाइन 1930 स्टेट साईबर क्राइम दफ़्तर में 24&7 कार्यशील है।
साईबर क्राइम पुलिस स्टेशनों के मुख्य उद्देश्य
– साईबर अपराधों के पीडि़तों को तुरंत सहायता प्रदान करना
– दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए साईबर अपराधों की बारीकी के साथ जांच करना
– ख़ुफिय़ा जानकारी और बेहतर अभ्यासों के आदान-प्रदान के लिए कानून लागू करने वाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और साईबर सुरक्षा माहिरों के साथ सहयोग करना
– साईबर खतरों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और व्यक्तियों और संस्थाओं को रोकथाम उपायों संबंधी जागरूक करना।
– बढ़ रहे साईबर खतरों से बचाव के लिए नवीनतम रणनीतियों का विकास और लागूकरण।