Noida News: नोएडा के लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम (Lokesh M IAS) ने शहर में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की है। समीक्षा के दौरान उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सेक्टर-167 में नया पार्क बनाए जाए। यह पार्क सौर मंडल (Solar System) पर आधारित होगा। बता दें कि इस पार्क में आने वाले लोगों को न सिर्फ हरियाली और खूबसूरती का आनंद मिलेगा बल्कि साथ-साथ सौर मंडल के बारे में जानकारी मिल सकेगी। पार्क में सौर मंडल (Solar System) के सभी ग्रहों को प्रदर्शित किया जाएगा। उनके बारे में जानकारी पत्थर से बने डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज की जाएगी। प्राधिकरण ने वेदवन पार्क (Vedavan Park) से मिली अपार सफलता से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया है। इस पार्क की थीम तैयार कर रही एजेंसी ने सीईओ के सामने प्रजेंटेशन भी दे दिया है।
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जानिए क्या होगी इस पार्क की खूबी
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से मिली जानकारी के अनुसार यह पार्क शहर के सेक्टर-167 में तैयार किया जाएगा। जिसका क्षेत्रफल 29 एकड़ है। इस पार्क के लिए थीम की खोज की जा रही थी। शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में एजेंसी ने सौर मंडल पर आधारित थीम का प्रजेंटेशन दिया। यह थीम मुख्य कार्यपालक अधिकारी को काफी पसंद आई है। थीम फ़ाइनल की जा चुकी है। सीईओ ने बताया कि पार्क में विकसित की जा रही झील पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। झील का वॉटर फ़्लो बना रहना चाहिए। पानी को साफ करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि थीम फ़ाइनल होने के बाद अब तेज़ी से पार्क विकसित किया जाएगा। इस पार्क में सौर मंडल के ग्रहों से जुड़ी जानकारी भी लोग पढ़ सकेंगे। ग्रहों के रंग वाले पत्थरों का उपयोग ग्रहों की आकृति बनाने के लिए किया जाएगा। सभी ग्रहों को उनके आकार के अनुपात में पार्क में तैयार किया जाएगा।
जानिए क्या होगी सौर मंडल की थीम
आपको बता दें कि हाल ही में हम लोगों ने सूर्य ग्रहण का अविश्वसनीय दृश्य देखा है। दिन में तारे देखने जैसे इस अनुभव के बाद बहुत से लोग सौर मंडल के बारे में जानने के लिए काफी इच्छुक हैं। सौर शब्द का अर्थ ‘सूर्य का’ या सूर्य संबंधी है। इसी प्रकार सौर मंडल का अर्थ सूर्य के आसपास का क्षेत्र, परिवेश, वृत्त या वृत्ताकार फैलाव होता है। इसमें नक्षत्रों और ग्रह शामिल होते हैं। उसे सूर्य मंडल या सौर मंडल के नाम से जानते हैं।
इस सौर मंडल का केंद्र सूर्य होता है, बाकी 9 ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। 9 ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी, शनि, मंगल, बृहस्पति, प्लूटो, नेप्च्युन और यूरेनस हैं। इनको साधारण भाषा में नवग्रह भी कहते हैं। पूजा पाठ के समय पण्डित के मुंह से नवग्रह की पूजा के बारे में जरुर सुना होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार किसी समय एक विशाल उल्का या पुच्छल तारा अंतरिक्ष में घूमता-घूमता सूर्य के पास से गुजरा था। इससे सूर्य में व्याप्त पदार्थ के टुकड़े-टुकड़े हो गए। वे बंटकर नौ यह बन गए और सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने लगे।
पार्क में इस तरह की जानकारी मिलेंगी
एक और वैज्ञानिक चैंबरलेन के मुताबिक ग्रहों और उपग्रहों की उत्पति सूर्य और सूर्य के समान अन्य तारे के टकराव स्वरूप हुई है। इस विषय में वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य जैसे नक्षत्रों का निर्माण हीलियम, हाइड्रोजन और ब्रह्मांडीय धूलिकाओं से मिलकर हुआ है। कालांतर में इनमें धीरे-धीरे सघनता आई और इनका आयतन बढ़ता चला गया। इन सब घटनाओं के होने का समय दस करोड़ साल पहले माना जाता है।
इस प्रकार सौर मंडल और उनके ग्रहों की उत्पति के बारे में पचा चलता है। सौर मंडल की उत्पति का यह सिद्धांत 1943 में फोन वाइस्साकर नामक वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था। इसे भारत के डाक्टर चंद्रशेखरन और टेरहार जैसे वैज्ञानिकों ने भी ही माना था। सौर मंडल में आज भी ऊर्जा, ताप धूलि, धूलिबादल, गैसीय पदार्थ और घूलिकण आदि इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। यह सब खोज, शोध और अन्य अविष्कारों के विषय हैं। इस प्रकार सूर्य और सूर्य का परिवार जिसे हम सौर मंडल कहते हैं, बड़ा ही रोचक विषय है। यही सब रोचक जानकारियां सेक्टर-167 के इस नए पार्क में लोगों को मिल सकेगी।