Punjab News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर विवाद अभी चल रहा है। आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को आम आदमी पार्टी (AAP) पार्षद इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) चले गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पार्षदों की तत्काल सुनवाई की याचिका पर विचार करने की सहमति मिल गई है। अब सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी यानी कल की डेट तय की है। कल इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल बैंच सुनवाई करेगी।
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इससे पहले भी आप पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) जा चुकी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मेयर पद के उम्मीदवार पार्षद कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर वकील अभिषेक सिंघवी पैरवी कर रहे हैं।
इस पूरे प्रकरण को लेकर आप पार्षद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट गए थे, जहां सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधीर सिंह और हर्ष बंगर की खंडपीठ ने आप को अंतरिम राहत देने से मना कर दिया था। याचिका में आरोप लगाया था कि मत-पत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई है और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग हुई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह और नव-निर्वाचित मेयर मनोज सोनकर सहित अन्य को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
आम आदमी पार्टी के पार्षद ने अंतरिम राहत से मना करने और याचिका को तीन हफ्ते बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की। हाईकोर्ट में मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक आप उम्मीदवार ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यह इसलिए याचिका दायर किया गया, क्योंकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ था।
याचिका में ये की गई है मांग
याचिकाकर्ता ने नव-निर्वाचित मेयर को अपने कामों पर रोक के निर्देश देने की मांग की है। क्योंकि चुनाव की पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी से हुई थी। कांग्रेस और आप ने 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में अपने गठबंधन की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी। इसे लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय विपक्षी गुट के लिए प्रारंभिक परीक्षा के रूप में पेश किया था।