सुपरटेक की इस सोसायटी में हड़कंप, लोग घर छोड़कर जाने को मजबूर

दिल्ली NCR
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ज्योति शिंदे, एडिटर, खबरी मीडिया

सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। नोएडा के सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर (एपेक्स और सियान) ध्वस्त करने की तैयारियां तेजी से जारी हैं। रविवार को दोनों टावर के तीन और ऊपरी तलों पर करीब 300 किलो विस्फोटक लगा दिए गए। आसपास की इमारतों में रहने वाले लोग इससे सहमकर घर छोड़कर जाने लगे हैं।

मैनेजमेंट बरत रहा है एहतियात

धूल के गुबार से बचाने के लिए 15 दिन पहले ही एमराल्ड और एटीएस विलेज सोसाइटी के टावरों को जिओ टेक्सटाइल फाइबर से ढक दिया गया है। इससे घरों में आने वाली धूप और हवा बाधित हो गई है। इमारतें ढक जाने से एसी भी काम नहीं कर पा रहे हैं जिससे यहां रहने वाले लोग घुटन महसूस कर रहे हैं साथ ही, इमारतों पर डाली गई चादरों से आग का खतरा भी बढ़ गया है।एस्टर-1,2,3 और एस्पायर-1 के अलावा एटीएस विलेज के टावरों को ढक दिया गया है। ट्विन टावर के नजदीक आवासीय इमारत एस्टर-दो और एटीएस सोसाइटी से कई लोग कुछ समय के लिए घर छोड़कर जा चुके हैं। टावरों को गिराने के लिए लगाए जा रहे विस्फोटक भी लोगों के डर का कारण बने हुए हैं।

सुपरटेक का अवैध जुड़वां टावर 28 अगस्त को हो जाएगा ध्वस्त, लगाया गया 600 किलो बारूद

एमराल्ड सोसाइटी की एओए की बैठक के दौरान तय किया गया कि टावर गिराए जाने के दिन 28 अगस्त को सुबह 8:30 बजे तक हर हाल में चारों आवासीय इमारतों में रहने वालों को बाहर निकलना होगा। सलाह दी गई कि एक दिन पहले ही लोग अपने घरों को ताला लगाकर उनपर सील लगाने के बाद फोटो खींचकर एओए के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दें। बालकनी में रखे स्टैंड, गमले, बाल्टी आदि सामान को हटा दें, ताकि विस्फोट के दौरान यह सामान उड़कर किसी को चोट नहीं पहुंचाए।

बीमार लोगों के अस्पताल तैयार, एंबुलेंस रहेंगी अलर्ट

एमराल्ड सोसाइटी में रहने वाले बीमार लोगों के लिए नजदीकी अस्पताल में व्यवस्था की जा रही है। सेक्टर-137 स्थित फेलिक्स अस्पताल के आठ बेड आरक्षित किए गए हैं। अस्पताल की चार एंबुलेंस भी अलर्ट रहेंगी। इसके अलावा जेपी और यथार्थ अस्पताल से भी एओए की वार्ता चल रही है।

सीधी जमींदोज नहीं हुई तो सड़क पर गिरेंगी इमारतें

ट्विन टावर के पिलरों में 900 से अधिक छेद किए गए हैं, इनमें विस्फोटक लगाए जाएंगे। जिस तरफ अन्य आवासीय सोसाइटी हैं, उस तरफ दो तलों के अंतर पर पिलरों में विस्फोटक लगाए जा रहे हैं। सड़क की तरफ टावरों के एक तल को छोड़कर एक पर विस्फोटक फिट किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि विस्फोट के दौरान किसी कारणवश टावर सीधे जमींदोज नहीं हुए तो उनका झुकाव सड़क की तरफ रहे। आवासीय सोसाइटियों को नुकसान नहीं पहुंचे। हालांकि टावर को लेकर सोसायटी के लोग और आसपास के टावरों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है।

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