Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हजारों फ्लैट खरीदारों (Flat Buyer) के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि अगले महीने से नोएडा में फ्लैटों की रजिस्ट्री शुरु हो सकती है। अगले महीने से लगभग ढाई हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री होने के आसार नजर आ रहे हैं। इसके संकेत बुधवार को नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और बिल्डरों के बीच हुई मीटिंग में मिले। प्राधिकरण अधिकारियों ने बुधवार को लगभग 25 परियोजनाओं से जुड़े बिल्डर प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। गुरुवार को भी कुछ बिल्डरों को बातचीत के लिए बुलाया गया है।
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बिल्डर प्रतिनिधियों के साथ दो अलग-अलग शिफ्ट में मीटिंग की गई। सुबह के समय 11 से 1 और दोपहर बाद 4 से 6 बजे बैठक हुई। इस बैठक में 30 परियोजना से जुड़े बिल्डरों को बुलाया गया था हालांकि 25 ही पहुंचे। इनमें एटीएस, सनसाइन, जेएम, पारस टीयिरा, प्रतीक समेत दूसरे बिल्डरों के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में नोएडा प्राधिकरण की ओर से बिल्डरों को 42 बिंदुओं पर तैयार की गई रिपोर्ट सौंपी गई। इसमें संबंधित परियोजना का आवंटन समय से लेकर स्वीकृत टावर और फ्लैट, कितने फ्लैट बन चुके, कितने फ्लैट की ओसी जारी कर दी गई है, कितने फ्लैट की रजिस्ट्री हुई और कितना बकाया है समेत दूसरी जानकारी थी।
अधिकारियों ने बिल्डरों को एक बार फिर से फ्लैट मामले में यूपी कैबिनेट (UP Cabinet) के निर्णयों के फायदों की जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण की ओर से मुहैया कराई गए डाटा से अधिकांश बिल्डरों ने अपनी सहमती जाहिर की। फिर भी अधिकारियों ने उनको अपने स्तर से डाटा मिलान के लिए कहा। ऐसे में इन बिल्डरों को 23 फरवरी से सहमति देने के लिए सीईओ के सामने आना होगा। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को भी कुछ बिल्डरों को बातचीत के लिए बुलाया गया है।
बड़े बकायेदार बिल्डर नहीं हो रहे सहमत
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छोटे बकाएदार बिल्डर शासन के इस पैकेज का लाभ उठाने के लिए सहमत दिखे हैं, और जो बड़े बकाएदार बिल्डर हैं वह अभी सहमत नहीं हैं, और पीछे हटते नजर आ रहे हैं। इन बिल्डरों का कहना है कि उनको जीरो पीरियड 2020-22 से पहले वर्ष 2013 में एनजीटी के जरिए काम पर लगाए गए प्रतिबंध के समय भी दिया जाए। उस समय का जीरो पीरियड का लाभ मिलने से उनका बकाया काफी कम हो जाएगा।
इन पर 1550 करोड़ बकाया
अधिकारियों के अनुसार बुधवार को जो बिल्डर बैठक के लिए आए उन पर करीब 1550 करोड़ रुपए बकाया है। इनको 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक जीरो पीरियड (Zero Period) का लाभ दिए जाने के बाद संबंधित बिल्डर की इन परियोजनाओं पर लगभग 1200 करोड़ रुपये बकाया बाकी रहता है। कुछ परियोजनाओं पर 5 से 50 करोड़ रुपये तक बकाया है। शासनादेश की शर्तों के तहत बिल्डर को कुल बकाए में से अभी 25 प्रतिशत राशि देनी होगी। बाकी पैसा एक से तीन साल के अंदर देना होगा।