सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
RBI New Rules: पर्सनल लोन नियमों को सख्त करने से ब्याज दर बढ़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा असर एनबीएफसी (NBFC) पर दिखाई देगा। आरबीएल बैंक और एसबीआई कार्ड के शेयरों (Shares) में गिरावट भी दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्सनल लोन (Personal Loan) से जुड़े नियमों को सख्त कर दिया है। केंद्रीय बैंक (Central Bank) की इस सख्ती से सबसे ज्यादा नुकसान आरबीएल बैंक और एसबीआई कार्ड को होने की संभावना है।
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आपको बता दें कि आरबीआई (RBI) द्वारा रिस्क वेट 25 फीसदी बढ़ाने से पर्सनल लोन महंगा हो जाएग। बैंकों के साथ ही इस फैसले का सबसे ज्यादा असर एनबीएफसी पर दिखाई देगा। केंद्रीय बैंक की इस सख्ती से सबसे ज्यादा नुकसान आरबीएल बैंक (RBL Bank) और एसबीआई कार्ड (Sbi Card) को होने की संभावना है। लेकिन इससे होम, ऑटो, गोल्ड और एजुकेशन लोन प्रभावित नहीं होंगे। इसके अलावा ब्याज दरें भी बढ़ सकती हैं। आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए रिस्क वेट को 25 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमशः 150 प्रतिशत और 125 प्रतिशत कर दिया है।
गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना
इस कदम से उपभोक्ताओं को जोखिमपूर्ण (Risky) बैंक लोन देना कम हो जाएगा। साथ ही विशेष रूप से गैर-बैंक क्षेत्र पर दबाव पड़ने की संभावना है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बताया कि इस कर्ज पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। ऋण वृद्धि कम होगी और कमजोर वित्तीय संस्थानों के लिये पूंजी जुटाने की जरूरत बढ़ेगी।
आरबीएल और एसबीआई कार्ड पर बुरा असर
पर्सनल लोन पर आरबीआई (RBI) की सख्ती से सबसे ज्यादा नुकसान एसबीआई कार्ड और आरबीएल बैंक को होने वाला है। एसबीआई कार्ड के बिजनेस में अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured Loan) का हिस्सा 100 फीसद और आरबीएल बैंक के लिए 31.8 फीसद है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक नए नियम इन कंपनियों के बिजनेस पर बहुत बुरा असर डालेंगे। इसके अलावा एनबीएफसी के व्यापार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बीते शुक्रवार को स्टॉक मार्केट में आरबीएल बैंक का शेयर 9.5 फीसद और एसबीआई कार्ड का शेयर 6.7 फीसद नीचे गिर गया।
पर्सनल लोन तेजी से बढ़ा
बता दें कि सितंबर तक पर्सनल लोन में सालाना आधार पर 25 फीसद की वृद्धि हुई है। यह 12.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले कुछ सालों से क्रेडिट कार्ड के बकाया तेजी से बढ़ रहे हैं। साल दर साल आधार पर सितंबर 2023 के आखिर तक क्रेडिट कार्ड का बकाया 30 फीसदी बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।