बात कुछ दिनों पहले की है। मैं परिवार समेत एक मित्र से मिलने उनके घर गया था। शाम को जब मित्र के घर से निकला तो मैंने घर के लिए टैक्सी बुक की। ड्राइवर को कॉल किया तो बड़ी आत्मीयता से जवाब आया..सर लोकेशन पर पहुंच रहा हूं। मैं भी सोसायटी की गेट पर आ गया। बातचीत शुरु हुई। बातों से अच्छे घर का लग रहा था। कहा मैं भी नोएडा एक्सटेंशन में रहता हूं। आपको कभी भी टैक्सी की जरुरत हो तो कॉल कीजिएगा। मैंने हां में सिर हिला दिया। मैंने पूछा और भी कैब है..उसने कहा जी हां…मैं सेकेंड हैंड गाड़ियां खरीदता हूं और उसे कैब में चलवाता हूं। बातों ही बातों में उसने एक बड़े मीडिया हाउस का नाम लिया। मेरी उत्सुकता और बढ़ गई। कहा यहां भी मेरी कैब चलती है। उसकी बातों से साफ दिख रहा था कि वो पढ़ा-लिखा इंसान है। मैंने उससे पूछ ही लिया। बताया सर मैं MBA हूं। मैंने पूछा एमबीए..फिर टैक्सी ड्राइविंग…फिर आगे की कहानी सुनाने लगा बोला नोएडा सेक्टर-18 में मेरा एक रेस्टोरेंट था जो बहुत अच्छा चलता था।
बात बहुत इंटरेस्टिंग थी मैन कहा फिर, कोरोना और लॉक डाउन के चलते बन्द हो गया। उसने कहा रेस्टोरेंट बन्द हुआ तो मैं काफी परेशान हो गया। सोचने लगा कैसे दिन गुजारुंगा..। फिर मैंने टैक्सी लाइन में आने की सोची। मैंने दो सेकेंड हैंड गाड़ियां खरीदी और चलाने लगा। धीरे-धीरे अपनी कहानी बताते बताते वो इमोशनल हो गया।
वह बोला बस क्या बताएं एक गलत फैसले से मेरी लाइफ तबाह हो गई। मैन पूछा क्या हुआ तो वह बोला मैन लव मैरिज की थी उस लड़की ने मुझ पर केस कर दिया। उसका किसी और से चक्कर था। बात बहुत इंटरेस्टिंग होती जा रही थी। मैन कहा फिर डायवोर्स हो गया। बोला हाँ। कहा सेटलमेंट में 29 लाख लग गए। बात साफ थी उसका कारोबार इस चक्कर में चौपट हो गया था। मैं लड़की के धोखे को जानना चाहता था। मैंने पूछा ऐसा कैसे हो गया शादी से पहले तुम उसे पहचान नहीं पाए। उसने बताया कि लड़की उसकी जूनियर थी, नोट्स और प्रोजेक्ट में उससे हेल्प लेती थी। फिर हमने एक दिन शादी का फैसला लिया। उसका दिल भारी हो चुका था। मेरी बातचीत से उसकी आत्मीयता बढ़ गई थी। बोला सर एक गलती से मैं लाइफ में 6 साल पीछे हो गया। भावुक बात यह थी कि उसने एक महंगी कार भी उस लडक़ी के नाम खरीदी थी। शादी के बाद गिफ्ट देने के लिए। उसके एक बात और बताई कि शादी के बाद मेरे पैरेंट्स उसे खटकने लगे थे। उसने मेरे-माता-पिता के साथ बदसलूकी करनी शुरू कर दी। यही नहीं एक बाद उसने खाने में जहर भी मिला दिया। वो तो किस्मत से उनकी जान बच गई। इस घटना ने मुझे अंदर तक तोड़कर रख दिया। और मैंने उससे अलग होने का फैसला ले लिया। मैंने पूछा- आगे क्या हुआ..उसने बताया कि आगे चलकर उसनेअपनी दोस्त से शादी कर ली। उनके पति की डेथ हो गई थी। उसने उसके बच्चों को भी अडॉप्ट कर लिया। मेरे दिल में उसके लिए इज्जत और बढ़ गई थी।
मेरा घर आने वाला था बातों के तार जुड़ चुके थे। मैन पूछा कहां से हो, तो बोला बनारस से, फिर बोला सर अपने घर में मैं ही प्रायवेट जॉब में हूँ बाकी सब सरकारी नौकरी में हैं । उसने बहुत जबरदस्त नाम गिनाए अपने संपर्कों के । कुछ कंपनियों के डायरेक्टर्स के संपर्क में होने की बात भी की उसने। अभी कहानी का सब से इमोशनल पहलू बाकी था।
बोला मेरे पास जब पैसा था तो मैं लोगों की बात नहीं सुनता था, सबको पैसे के बल से दबा देता था। वह रेस्टोरेंट के दिनों की बात कह रहा था। फिर बोला मुझे लगता है मेरे नेचर की वह गलती ही मुझे इस स्थिति में ले आई फिर भावुक होते हुए बोला। सर 12th में मेरे नंबर कम आये थे पिताजी ने मुझे डाटा था और मैं घर छोड़ कर चला आया था पढ़ने में तेज था सो मुझे अपने एक दोस्त के साथ एडमिशन मिल गया था। उसके बाद आजतक पिताजी से मिलने नहीं गया। हां बात जरूर हो जाती है कभी-कभी।
सब कुछ बहुत पीड़ादायक था लेकिन उसका हौसला इस सब से ऊपर था। उनसे कहा-मैं हमेशा काम में लगा रहता हूँ और कभी हार नहीं मानता। शायद यही उसकी USP थी। मेरा घर आ गया था। मैंने उसका शुक्रिया किया। उसने भी आभार जताते हुए गाड़ी आगे बढ़ी ली।
प्रियांक की कहानी वाकई दिल को छू लेने वाली है। साथ ही एक संदेश भी देती है जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए, भगवान रास्ते जरूर खोलता है।
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