नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
धूप से बचने के लिए ज्यादातर लोग सनस्क्रीन का यूज करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जिस सनस्क्रीन का इस्तेमाल आप करते हैं वे त्वचा को धूप से ज्यादा देर तक नही बचा सकता है। इतना ही नहीं सनस्क्रीन का यदि त्वचा में अत्यधिक इस्तेमाल किया जाए तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। दरअसल, ये एक रिसर्च जर्नल कैंसर्स में प्रकाशित हुआ है। कनाडा के मैकगिल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर इवान लिटविनोव का कहना है कि ज्यादातर लोग जरूरत की मात्रा में सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
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सुबह सुबह काम में जाते समय वे सनस्क्रीन लगा लेते हैं और उन्हें लगता है कि धूप से सुरक्षा तो मिल ही रही है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। रिसर्च के दूसरे हिस्से के लिए उन लोगों को इसमें शामिल किया गया,जो ज्यादा सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया करते हैं। इसके लिए दो ग्रुपों को डिवाइड कर लिया गया। स्कोटिया और प्रिंस एडवर्ड द्वीप में रहने वाले लोगों को इसमें शामिल किया गया। जो धूप से बचाव के प्रति ज्यादा जागरूक हैं और सनस्क्रीन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
दूसरी ओर यूके और बायोबैंक से उन लोगों के डेटा को इसमें शामिल किया गया, जिन्हें स्किन कैंसर या स्किन से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। इसके बाद जो रिसर्च में खुलासा हुआ उसने सबको चौका दिया। इस स्टडी में ये बताया गया कि सनस्क्रीन में बेंजीन पाया जाता है। बेंजीन एक तरह का टॉक्सिन है, जो कैंसर जैसी बीमारी की वजह बन सकता है।
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ऐसे में मन में सबसे पहले ये सवाल उठ सकता है कि क्या सनस्क्रीन लगाने से कैंसर होता है, तो एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सनस्क्रीन ऐसी होती हैं जिनमें बेंजीन की मात्रा अत्यधिक होती है। ये केमिकल ज्यादा मात्रा में पहुंच जाए तो स्किन कैंसर की वजह भी बन सकता है।
ऐसे में जब भी आप सनस्क्रीन खरीद रहे हैं तो उससे पहले इंग्रिडिएंट को जरूर पढ़ लें,ताकि तव्चा संबंधित बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख सकें।