Ganesh Chaturthi 2023 Puja Muhurt Live: विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव 19 सितंबर यानी आज देशभर में मनाया जा रहा है. इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है. हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहले उनकी पूजा की जाती है
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी पर गणपति जी स्थापित किए जाते हैं। आईए आपको गणपति स्थापना का मुहूर्त, सामग्री, नियम सभी जानकारी
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 19 सितंबर को मूर्ति स्थापना का समय 10 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.
Pic: Social Media
गणेश पूजन सामग्री लिस्ट
मूर्ति स्थापना के लिए आपको लाल या पीला वस्त्र चाहिए, चौकी बप्पा की प्रतिमा रखने के लिए, बप्पा के लिए वस्त्र
घी का दीया, शमी का पत्ता, गंगाजल, पंतामृत, सुपारी, जनेऊ, मोदक, चंदन, अक्षत, धूप, फल, फूल और दूर्वा चाहिए.
गणेश चतुर्थी के दिन क्यों निषेध है चंद्र दर्शन
ऐसी माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति के ऊपर मिथ्या कलंक यानि बिना किसी वजह से व्यक्ति पर कोई झूठा आरोप लगता है. पुराणों के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण ने भी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिसकी वजह से उन्हें भी मिथ्या का शिकार होना पड़ा था. गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को लेकर एक और पौराणिक मत है जिसके अनुसार इस चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था. इस वजह से ही चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया.
Ganpati Puja Vidhi (गणपति स्थापना के बाद ऐसे करें 10 दिनों तक पूजा)
भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना 10 दिनों तक की जाती है और प्रतिदिन उनकी पूजा भी की जाती है. पूजा के लिए सबसे पहले श्री गणेश का आवाहन करते हुए ‘ऊं गन गणपतए नमः’ मंत्र का उच्चारण करें और गणेशजी की प्रतिमा पर जल छड़कें. इसके बाद भगवान को हल्दी, चंदन , गुलाल सिंदूर ,मौली ,दूर्वा ,जनेऊ , मिठाई ,मोदक ,फल , माला, और फूल सभी चीजें एक-एक कर भगवान को अर्पित करें. भगवान का सभी चीजें अर्पित करने के बाद धूप, दीप के साथ आरती करें और पूजा में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित करें.
Ganesh Chatirthi 2023 Chandra Darshan (गणेश चतुर्थी पर न करें चंद्र दर्शन)
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा सुबह 09:45 मिनट पर निकलेगा और रात 08:44 मिनट पर अस्त होगा. विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा सुबह के समय निकलता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को देखने से झूठे आरोप लगते हैं.
(Bhadra in Ganesh Chaturthi 2023) गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया
आज गणेश चतुर्थी पर सुबह से ही भद्रा लगा है. भद्राकाल सुबह 06:08 से दोपहर 01:43 तक है. लेकिन गणेश जी की पूजा और मूर्ति स्थापना पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस भद्रा का वास पाताल लोक में होगा.
Ganesh Chaturthi 2023 Shubh Yog (गणेश चतुर्थी शुभ योग)
इस साल गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ब्रह्म, शुक्ल और शुभ योग का अद्भुत संयोग बना है. साथ ही स्वाति नक्षत्र और विशाखा नक्षत्र भी रहेंगे.