Jyoti Shinde,Editor
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। जिसमें सुभासपा(Suheldev Bharatiya Samaj Party) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा।
सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान को भी कैबिनेट में जगह मिलेगी। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, सुभासपा से गठबंधन की शर्त पर ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। उन्हें सरकार में किसी अहम मंत्रालय की कमान भी मिल सकती है। अगले साल होने वाले विधान परिषद चुनाव में सुभासपा के एक कार्यकर्ता को भी परिषद का सदस्य बनाया जायेगा।
वहीं, सपा विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद दारा सिंह चौहान ने बैठक में हिस्सा लिया है। पूर्वांचल के चौहान (नोनिया) वोट बैंक पर मजबूत पकड़ रखने वाले दारा सिंह भी कैबिनेट में शामिल होंगे। फिलहाल योगी कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 52 मंत्री हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार में ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह के अलावा बीजेपी के एक-दो पूर्व मंत्रियों को भी दोबारा सरकार में जगह मिल सकती है। वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय संतुलन साधने के लिए एक-दो नए चेहरों को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
सुभासपा पूर्वाचल में भाजपा की चुनावी राह आसान करेगी
बीजेपी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच गठबंधन से लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्वांचल की डेढ़ दर्जन से ज्यादा सीटों पर बीजेपी की राह आसान हो जाएगी। वहीं, प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बीएसपी को झटका लगेगा। बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पार्टी को पिछड़ी जाति कुर्मी, राजभर, निषाद, जाट, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाह, लोधी वोट बैंक की भी जरूरत है। बीजेपी ने कुर्मी वोट बैंक के लिए अपना दल (एस) से गठबंधन किया है, निषाद वोट बैंक के लिए निषाद पार्टी से गठबंधन किया है। मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाह और लोधी समुदाय को बीजेपी का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है। ऐसे में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती राजभर समाज का वोट बैंक हासिल करना है।
इन जगहों पर राजभर की मजबूर पकड़
राजभर समाज घोसी, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मछलीशहर, बस्ती, सलेमपुर, मिश्रिख, संतकबीर नगर, कुशीनगर, डुमरियागंज, महराजगंज, आजमगढ, लालगंज, जौनपुर, अम्बेडकर नगर, बहराईच, मिर्ज़ापुर, देवरिया, श्रावस्ती और भदोही लोकसभा क्षेत्रों में राजभर की मजबूत पकड़ है। यहां 50 हजार से डेढ़ लाख तक राजभर मतदाता हैं। सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर की राजभर मतदाताओं के बीच मजबूत पकड़ है। भाजपा, सपा, बसपा के राजभर नेताओं से ज्यादा राजभर समाज में ओमप्रकाश राजभर की स्वीकार्यता है।
तोड़ा गठबंधन लेकिन बने रहे मंत्री
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था। लेकिन योगी सरकार में मंत्री बने रहे। सुभासपा ने एनडीए के खिलाफ 19 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मई में ओमप्रकाश राजभर को भी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।
लोकसभा चुनाव में घोसी, आज़मगढ़, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर, अंबेडकरनगर, लालगंज में बीजेपी की हार की वजह राजभर वोटों का बंटवारा बताया गया। विधानसभा चुनाव 2022 में सपा और सुभासपा के गठबंधन के चलते सुभासपा ने छह सीटें जीतीं। पूर्वांचल में बीजेपी को आज़मगढ़, मऊ, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती में नुकसान उठाना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुभासपा के एनडीए में शामिल होने से पूर्वांचल की डेढ़ दर्जन से ज्यादा सीटों पर बीजेपी को बड़ा फायदा मिलेगा। वहीं 2019 में हारी हुई सीटों पर पार्टी की राह आसान होगी।