Jyoti Shinde,Editor
राजस्थान कांग्रेस के भीतर चल रहे विवाद पर आज शीर्ष नेतृत्व का फैसला की आने की उम्मीद है। कांग्रेस की आज इसी को लेकर बैठक होनी है। माना जा रहा है कि आज की बैठक में कांग्रेस के भीतर हो रहे बवाल में शांति आ जायेगी इस बैठक में सीएम अशोक हगलोत वर्चुअली हिस्सा लेगे।
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सूत्रों की मानें तो इस बैठक में सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदार मिलने वाली है। सचिन पायलट अपनी ही पार्टी के खिलाफ समय-समय पर बगावत कर चुके हैं। तो ऐसे में पार्टी उन्हें राज्य की बडी़ जिम्मेदार देगी या राष्ट्रीय स्तर पर कुछ जिम्मेदारी सौंपेगी यह तो बैठक के बाद ही तय हो पायेगा
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सूत्रों की मानें तो इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वचर राहुल गांधी इस बैठक में मौजूद रहेंगे, वहीं अशोक गहलोत वर्चुअली इस बैठक से जुड़ेगें। माना जा रहा है कि सचिन पायलट के आगामी भविष्य को लेकर इस बैठक में मंथन किया जाएगा। कर्नाटक फतह के बाद कांग्रेस फिर से पुराने अंदाज में आगयी है। तो ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान के सियासत को लेकर बिना किसी दबाव के शीर्ष नेतृत्व राजस्थान में जिम्मेदार का बटवारा करेगी।
राजस्थान का राजनीतिक गणित
यह बड़ा सवाल है कि पायलट को क्या जिम्मेदार मिलने वाली है। आइये इसे राज्य की जातीय गणित के आधार से पायलट की शक्ति को समझते हैं।
सवर्ण- 19%
ओबीसी- 40%
एससी- 18%
एसटी- 14%
मुस्लिम- 9%
जाट- 9%
मीणा- 7%
राजपूत- 6%
गुर्जर-5%
राजस्थान का जातीय समीकरण यही है। राजस्थान की राजनीति में गर्जर की वोट हार और जीत भी तय करती है। और बड़ी बात यह है कि पायलट गुर्जर समुदाय से ही आते हैं।
2018 में मुख्यमंत्री बनते बनते रह गये थे पायलट
राजस्थान चुनाव 2018 में जब कांग्रेस जीती तो सभी यह मान रहे थे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पायलट के बजाय अशोक गहलोत कॊ सीएम और पायल को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी। हालांकि पायलट ने बाद में उपमुख्यमंत्री से इस्तीफा दे दिया।
मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
राजस्थान में कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाने में माहिर पायलट को कांग्रेस फिर एक बार बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक पायलट को कांग्रेस कैंपेन कमेटी का प्रमुख बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि यह भी आसार लगाया जा रहा है कि इन्हें केन्द्रीय संगठन में महासचिव की भी जिम्मेदारी मिल सकती है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पार्टी के फैसले पर पायलट राजी होंगे? क्योंकि इसबार पायलट के तेवर यह साफ कर दिए हैं कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।