हर पैरेंट्स के लिए जरूर ख़बर
दीपक त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
इसमें कोई शक नहीं कि बालकनी रिलैक्स करने की बेहतरीन जगह होती है। जहां आप आराम से बैठकर चाय पी सकते हैं। कपड़े सुखा सकते हैं। लेकिन Aiims (All india Institute of medical sciences) ने जो रिपोर्ट पेश की है वो बेहद चौंकाने वाली है। और पैरेंट्स को जागरुक करने वाली भी।
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Aiims की रिपोर्ट के मुताबिक लापरवाही और जागरूकता के अभाव में 60 पर्सेंट बच्चे बालकनी से नीचे गिरते हैं जिसमें से 20 फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर बच्चों को सीवियर हेड इंजरी होती है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि इससे 100 पर्सेंट बचाव संभव है. इसे रोका जा सकता है, इसलिए इसके लिए जागरूकता की जरूरत है.
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एम्स ट्रॉमा सेंटर के न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक गुप्ता के मुताबिक पिछले सात महीने में अकेले दिल्ली के 74 बच्चे बालकनी से गिरकर इलाज के लिए एम्स पहुंचे. हर महीने औसतन 10 ऐसी घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से होते हैं. काम के लिए घर से बाहर जाता है…और बच्चे घर में अकेले रहते हैं। जिसकी वजह से इन लोगों के यहां ऐसी घटनाएं ज्यादा होती हैं.
ऐसे हादसों को कैसे रोका जा सकता है?
रेलिंग के गैप में जाली लगाएं.
ब्लॉक की ऊंचाई ज्यादा रखें.
बालकनी में किसी भी प्रकार का फर्नीचर न रखें.
बालकनी को बच्चों के लिए खेलने की जगह न बनाएं.
बच्चों पर हमेशा नजर रखें.
अगर आप बच्चे के साथ नहीं हैं, तो बालकनी के दरवाजे बंद रखें.
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