मशहूर सिंगर और कंपोजर बप्पी लाहिरी का निधन
भारतीय म्यूजिक जगत को एक और बड़ा झटका लगा है। 69 साल के बप्पी लाहिरी(Bappi lahiri) ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल(Mumbai breach candy hospital) में आखिरी सांस ली है।
बप्पी लाहिरी के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड(Bollywood) में गम का माहौल है। बप्पी दा के नाम से मशहूर बप्पी लाहिरी बीते साल अप्रैल के महीने में कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। कुछ दिन के इलाज के बाद उनकी रिकवरी भी हो गई थी।
बप्पी दा ने 70 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और कुछ ही वक्त में अपने गानों की बदौलत निर्माताओं की पहली पसंद बन गए। उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी धुन और गानों से एक अलग तरह का ही राग छेड़ा था।उन्हें असली पहचान साल 1975 में आई फिल्म ‘ज़ख्मी’ से मिली। बप्पी दा ने इस दौरान बॉलीवुड संगीत में कई प्रयोग किए। पॉप म्युजिक में तड़का लगाने का क्रेडिट भी उन्हीं को जाता है। उन्होंने अपने कॅरियर में कई हिट सॉन्ग गाए हैं।
‘आई एम ए डिस्को डांसर’ गाने ने तो उन्हें खूब नाम और शोहरत दिलाई थी। बप्पी दा के गाए गीत ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, जूबी-जूबी, ‘याद आ रहा है तेरा प्यार’, ‘यार बिना चैन कहां रे’, ‘तम्मा तम्मा लोगे’, आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े रहते हैं। बप्पी दा का शराबी फिल्म का गाना भी बेहद मशहूर हुआ था। उनका आखिरी गाना बॉलीवुड फिल्म बागी-3 के लिए था।
बप्पी दा सोने(Gold) के काफी शौकीन थे। बप्पी लहरी को गले में सोने की मोटी-मोटी चेन और हाथ में बड़ी-बड़ी अंगूठियां पहनना और हमेशा चश्मा लगाकर रखना बेहद पसंद था। दरअसल मशहूर सिंगर बप्पी लाहिरी गोल्ड को अपना लक यानी भाग्य मानते हैं। उन्होंने गीत-संगीत के अलावा सियासत में भी हाथ आजमाया था। वह 2014 में चुनाव लड़े थे।
27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जन्में बप्पी दा का असली नाम अशोक लाहिरी था।
फरवरी का महीना बॉलीवुड के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। बप्पी लाहिरी से पहले लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 6 फरवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। वहीं बंगाली सिंगर संध्या मुखर्जी(Sandhya Mukherjee) ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
बप्पी लाहिरी का जाना संगीत जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है।
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