ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसायटी सुपरेटक-1 में लोगों की रजिस्ट्री क्यों नहीं हो रही है..पजेशन क्यों नहीं मिल रहा है..इंफ्रास्ट्रक्चर क्यों इतना लचर है..इसका पूरा ब्योरा यहां रहने वाले एक निवासी ने दिया है। अब आप भी इस गणित को समझिए
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निवासी की चिट्ठी के मुताबिक-
सुपरटेक का पूरा फोकस है, जैसे तैसे फ्लैट हैंड ओवर करना…….!, इससे इनको फ्लैट्स का पूरा पैसा मिल जायेगा………!, फिर इनका मेंटेनेंस और बिजली के फिक्स चार्ज का पैसे(CAM) हरेक महीने आना शुरु हो जायेगा। ये एक खेल है इसके पहले तो जिन फ्लैट्स का पजेशन नहीं दिया है, उन बायर्स को ₹5 पर स्क्वायर फीट के हिसाब से लेट डिडॉल्ट चार्ज बायर्स को उल्टा देना पड़ रहा है……!
हैंड ओवर के बाद ये खेल पलट जाता है……! साथ साथ कॉमन एरिया को क्लब को वेंडिंग जोन बना, पैसा और अवैध असूली अलग से……! इसी खेल को सुपरटेच ने NCLT में “प्रोजेक्ट इकोनॉमिकली वायेबल है” (Project is Economically viable)” का नाम दिया है……..! यानी बायर्स CAM और अवैध असूली के पैसे से ही प्रोजेक्ट को पूरा करना…..! सुपरटेक कि पॉलिसी है कॉमन इंफ्रा को पूरा नहीं करना जिससे EV1 निवासी और एक्टिव ग्रुप इंफ्रा पूरा नहीं है, इस डर से AOA बना कर सोसाइटी फैसिलिटी को AOA को हैंड ओवर करने कि बात न करें….! ये सोची समझी रणनीति और चाल है, और सुपरटेक बिल्डर चाहेगा कि ये ऐसे ही अनंत काल तक चलता रहे……! इसी पॉलिसी को सुपरटेक ने नाम दिया है अपने Logo में……., Supertech “Your’s For Life” …… यानी फ्लैट बायर्स जीवन भर सुपरटेक को अपनी कमाई का हिस्सा, जिदंगी भर देते रहें……! गुलाम बने रहें…..! निवासियों को इस बिछाए जाल को समझना पड़ेगा।