Nayab Saini: 'Building youth power by preserving values ​​and culture', said in Acharyakulam annual festival - CM Saini

Nayab Saini: ‘संस्कार और संस्कृति के संरक्षण में युवा शक्ति का निर्माण’, आचार्यकुलम् वार्षिकोत्सव में बोले- सीएम सैनी

उत्तराखंड राजनीति हरियाणा
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Nayab Saini: देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ विश्वविद्यालय (Patanjali Yogpeeth University) के आचार्यकुलम् में 2023-24 का वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। सीएम सैनी (CM Saini) ने आचार्यकुलम् के 12वें वर्षगांठ पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं दीं और देश के संस्कारवान भविष्य के निर्माण में इस संस्थान के योगदान की सराहना की।

मुख्यमंत्री सैनी का संदेश: युवा बनेंगे राष्ट्र की सच्ची शक्ति

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Saini) ने कहा कि आचार्यकुलम् से शिक्षित होकर युवा राष्ट्र की सच्ची शक्ति बनेंगे। उन्होंने आचार्यकुलम् के विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और संस्कारों की रक्षा का दायित्व निभाने की प्रेरणा दी। उनका मानना है कि ये युवा समाज में बदलाव की सच्ची शक्ति साबित होंगे और भारतीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

हरियाणा के लिए आशीर्वाद

मुख्यमंत्री सैनी ने हरिद्वार में अपने 2.80 करोड़ हरियाणा (Haryana) के परिवारों के लिए खुशहाली और विकास का आशीर्वाद मिलने की बात कही। उन्होंने इसे अपने लिए सौभाग्य का अवसर बताया और आचार्यकुलम् में संतों के बीच अपनी उपस्थिति पर गर्व महसूस किया।

विशिष्ट संतों और गणमान्य जनों की उपस्थिति

इस वार्षिकोत्सव में योगगुरु स्वामी रामदेव (Yog Guru Sawami Ramdev ), जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि (Swami Avdheshanand Giri), आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna), हरियाणा के वित्तमंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल (Premchand Agarwal) और अन्य प्रतिष्ठित संतों के साथ हजारों लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी संतों ने भारतीय संस्कृति और योग पर अपने विचार साझा किए और युवाओं को संस्कार और सद्गुणों के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

आचार्यकुलम् के इस वार्षिकोत्सव में मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Saini) ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण और विकास के लिए आचार्यकुलम् के योगदान की सराहना करते हुए, इसे युवाओं के सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया।