Noida की सोसाइटियों में लगे डीजल जेनरेटर हो जाएंगे बंद? पढ़िए पूरी खबर
Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सोसायटी में लगे डीजल जनरेटर (Diesel Generator) से जुड़ी बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए ग्रैप 2 लागू किया है और अब दिल्ली-एनसीआर में डीजी सेट के संचालन पर भी रोक लगा दिया है, जिससे बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके। नोएडा-ग्रेनो के किसी भी सेक्टर या सोसायटी में इस नियम का पालन नहीं हो पा रहा है।
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नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) की ज्यादातर सोसायटियों में डीजल जनरेटर को सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) में कन्वर्ट नहीं कराया गया है। यही स्थिति इंडस्ट्रियल सेक्टरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की भी है। ऐसे में पावर बैकअप के लिए सेक्टर, सोसायटियों, इंडस्ट्रीज और मार्केट में डीजी चलाना मजबूरी हो गई है। ऐसे में ग्रैप 2 के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। ये सवाल हर साल इन दिनों उठता है, लेकिन साल भर में इस पर कोई काम या या चर्चा तक नहीं होती।
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सभी सेक्टरों में नहीं पहुंची है गैस पाइप लाइन
कंपनी संचालकों के मुताबिक, सीएनजी या पीएनजी में जनरेटर को कन्वर्ट कराने में 7 से 20 लाख रुपये तक खर्च आता है। उद्यमियों ने मांग की है कि इसे लगाने में सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए। वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि गैस की उपलब्धता भी बहुत ही कम है। अभी इंडस्ट्रियल सेक्टरों में सब जगह गैस की पाइपलाइन नहीं पहुंची है। कंपनी का कहना है कि डिमांड ही नहीं की जाती है तो उद्यमी आरोप लगा रहे हैं कि पाइपलाइन ही नहीं बिछाई जा रही।
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ये होती है समस्या
वहीं, हाईराइज सोसायटियों में पावर बैकअप (Power Backup) के लिए ज्यादा केवीए के जनरेटर की आवश्यकता होती है। मार्केट में कम केवीए के ही ग्रीन जनरेटर उपलब्ध हैं। ऐसे में किसी सोसायटी में 2 हजार केवीए का पावर बैकअप लेना है तो कई ग्रीन जनरेटर लगाने होंगे। इन्हें लगाने के लिए काफी जगह भी लगती है। इसके साथ ही इनकी देखरेख में भी अलग खर्च आता है, जो सोसायटी के लोगों पर अतिरिक्त भार होगा।