Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) ने पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा ऐक्शन लिया है। प्रदेश में लापरवाही के आरोपों के चलते एक साथ 24 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह फैसला कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत किया गया।
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पराली जलाने के मामलों में सख्त एक्शन
हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। पिछले एक महीने में 656 से ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण दिल्ली और राज्य के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। सरकार ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए न केवल किसानों पर केस दर्ज किए, बल्कि कुछ को गिरफ्तार भी किया है। अब प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरी है।
किन अफसरों पर हुई कार्रवाई?
- कृषि विभाग के निदेशक द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, पानीपत, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, और सोनीपत जिलों के अधिकारी इस कार्रवाई की जद में आए हैं। इनमें प्रमुख रूप से:
- पानीपत से सुल्ताना एडीओ संगीता यादव और इसराना एटीएम सत्यावन
- हिसार से ओएओ एएई हल्पेर गोबिंद और हेल्पर पूजा
- जींद से एग्रीकल्चर सुपरवाइजर पुनीत कुमार और संजीत
- कैथल से एग्रीकल्चर सुपरवाइजर दीप कुमार, हरप्रीत कुमार, यादविंद्र सिंह, एएसओ सुनील कुमार
- कुरुक्षेत्र से ओमप्रकाश, रामेश्वर श्योकंद, एडीओ पिपली प्रताप सिंह
- अंबाला से विशाल गिल, शेखर कुमार, रमेश
- सोनीपत से एग्रीकल्चर सुपरवाइजर नीतिन और गन्नौर से किरण
बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्ती
हरियाणा में पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। राज्य सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण पराली जलाने के मामलों पर काबू नहीं पाया जा सका। इसी के चलते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह कठोर कदम उठाया।
क्या है सरकार की मंशा?
हरियाणा सरकार (Haryana Government) पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त कानून और जुर्माने के प्रावधान पहले ही लागू कर चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Saini) ने स्पष्ट किया कि राज्य में क्लीन एनवायरनमेंट बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पराली जलाने के मामलों को गंभीरता से लें और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
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यह सस्पेंशन राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत प्रशासनिक लापरवाही और प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।