Haryana Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर (8 October) को घोषित होंगे, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल्स (Exit Polls) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हवा निकाल दी है और कांग्रेस (Congress) की प्रदेश में सरकार बनने वाली है। इन सब के बीच सीएम फेस (CM Face) को लेकर कभी गहमागहमी है। कांग्रेस की ओर भूपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Hooda) हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बन सकते है। लेकिन भाजपा (BJP) की ओर से मुख्यमंत्री की दावेदारी मतदान से पहले से चल रही है। हालांकि, भाजपा की ओर से पहले ही तय हो चुका है कि नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
दरअसल, हरियाणा के पूर्व मुख्यंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohal Lal Khattar) ने करनाल में वोट डालने के बाद कांग्रेस पर निशाना साधा और दावा किया कि भाजपा (BJP) तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘वे (कांग्रेस) अब तक अपने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर पाए, हमने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया। इनके (कांग्रेस) समय में भ्रष्टाचार का बोलबाला था। पिछले 10 साल में हरियाणा में औद्योगिक विकास हुआ है, सबको काम मिला है।
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने दावा किया कि कांग्रेस (Congress) में अंदरूनी कलह है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खेमे में निराशा का माहौल है, वहां अराजकता है। चुनावों से दो दिन पहले भाजपा नेता अशोक तंवर के कांग्रेस में लौटने के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि तंवर ने ‘आया राम गया राम’ की राजनीति को पुनर्जीवित कर दिया है।
वहीं, अंबाला कैंट (Ambala Cantt) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व में राज्य के मंत्री रहे अनिल विज (Anil Vij) ने दावा किया है कि एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी और पार्टी चाहेगी तो वो मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, ‘सरकार भाजपा की बनेगी और मुख्यमंत्री वो बनेगा, जिसे पार्टी चाहेगी। अगर, पार्टी मुझे चाहेगी, तो अगली मुलाकात आपसे मुख्यमंत्री आवास (CM House) पर होगी। मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं।’ हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब अनिल विज ने सीएम बनने को लेकर दावा किया है।
बता दें, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा में नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद का चेहरा बनाया है। जब साल 2014 में भाजपा पहली बार अपने बल पर हरियाणा में सत्ता में आई थी, तो अनिल विज (Anil Vij), रामबिलास शर्मा सहित कुछ अन्य नेता मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे थे, लेकिन पार्टी ने उस समय पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) को मुख्यमंत्री बनाया था।
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इसी साल मार्च महीने में, जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर और उनके कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था. तब अनिल विज (ANil Vij) इस बात से नाराज बताए गए थे कि पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाने और उनकी जगह नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) को लाने का फैसला किया, लेकिन इस बात की जानकारी उन्हें नहीं दी गई।
बता दें कि अनिल विज (Anil Vij) की राजनीति में पुराना चेहरा है और वो जमीन से जुड़े नेता है। अनिल विज कॉलेज के समय से ही राजनीति में सक्रिय हैं। अनिल विज, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), विश्व हिंदू परिषद (VHP), भारत विकास परिषद (BMS) और ऐसे अन्य संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम किया। जब साल 1990 में सुषमा स्वराज राज्यसभा के लिए चुनी गईं, तो अंबाला कैंट सीट खाली हो गई। इसके बाद भाजपा ने अनिल विज को अंबाला कैंट सीट से चुनावी मैदान में उतारा और भाजपा की उम्मीदों पर अनिल विज खरे उतरे और चुनाव जीत गए। 1991 में वे (अनिल विज) भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के प्रदेश अध्यक्ष बने। 2009 के चुनाव में उन्होंने अंबाला कैंट सीट से भाजपा (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में भी अनिल विज ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की।