Delhi Chief Minister: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शराब घोटाले केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिल गई है। जमानत पर रिहा हुए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जेल से बाहर आते ही अगले 48 घंटे में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही है। उनकी इस घोषणा ने दिल्ली की राजनीति हलचल मच दी है। आखिरकर केजरीवाल केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा और इसके पीछे क्या वजह है? आइए जानते हैं।
दरअसल, अरविंद केजरीवाल का मानना है कि जब दिल्ली की जनता उन्हें बेकसूर नहीं मानती है, तब तक वो मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहते है। पार्टी कार्यालय में आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने कहा मैं, दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाला हूं। ये फैसला मैंने बहुत सोच समझकर लिया है। मेरे ऊपर ऐसे आरोप लगाए गए है जिसने मुझे झकझोर कर रख दिया है। मैं तब तक मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद पर नहीं रहूंगा जब तक जनता यह नहीं मान लेती की मैं बेकसूर हूं।
उन्होंने कहा कि विरोधियों ने मुझे बहुत तोड़ने की कोशिश की। मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। यह आरोप मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। इसलिए बहुत सोच समझ कर फैसला कर रहा हूं। उन्होंने कहा मैंने हमेशा देश सेवा की भावना से अपना हर कदम पूरी ईमानदारी के साथ उठाया है, लेकिन विपक्ष हमेशा मेरी ईमानदारी को झूठ फैलाकर जनता के बीच छवि खराब करने का काम किया है।
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इधर, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस्तीफे के बीच दिल्ली के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इससे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसी के नाम की घोषणा नहीं की है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा लेकिन राजनीतिक गलियारों में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी (Atishi Marlena) का नाम रेस में सबसे आगे है।
दरअसल, आतिशी आम आदमी पार्टी सरकार में अभी मंत्री (Minister) हैं। उनके पास शिक्षा विभाग (Education Department) की जिम्मेदारी है। इससे पहले आतिशी जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Ex Deputy Chief Minister Manish Sisodia) की सलाहकार थीं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता जब जेल में थे, तब आतिशी (Atishi) ने हर मोर्चे पर पार्टी की आवाज बुलंद की। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal) के साथ भी आतिशी हर मंच पर डटी रहीं। वो उन नेताओं में शुमार हैं, जिन पर केजरीवाल सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।
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आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) भी मुख्यमंत्री पद की रेस में दूसरे स्थान पर है। लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए सौरभ भारद्वाज दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हैं। साथ वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (National Spokesperson) भी हैं। इससे पहले सौरभ भारद्वाज दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
आतिशी और सौरभ के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में कैलाश गहलोत (Kailash Gahlot) नाम तीसरे नंबर पर चल रहा है। कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन और पर्यावरण मंत्री हैं। फिलहाल, उनके पास परिवहन, प्रशासनिक सुधार, राजस्व, कानून, न्याय और विधायी मामले, महिला एवं बाल विकास तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी है।
इसी क्रम में चौथे नंबर पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में आगे चल रहा है। हालांकि उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा, बावजूद इसके वह समय-समय पर पार्टी में संकटमोचक बनकर उभर आते हैं। उन्हें भी सीएम केजरीवाल (CM Kejriwal) का भरोसेमंद माना जाता है। गोपाल राय वर्तमान में पर्यावरण, वन और वन्यजीव, विकास और सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री हैं। गोपाल राय ने लखनऊ विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है और कई महत्वपूर्ण अभियानों का हिस्सा रहे हैं। दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को उनके मंत्रालय का श्रेय जाता है। उनकी प्रशासनिक अनुभव और सामाजिक कार्यों के कारण वे भी एक मजबूत उम्मीदवार हैं।