Noida News: सुपरटेक सुपनोवा के फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-94 स्थित सुपरनोवा प्रोजेक्ट (Supernova Project) के विकासकर्ता सुपरटेक रियलटर्स को एनसीएलएटी (NCLAT) से राहत मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। अपील ट्रिब्यूनल (Tribunal) ने सुनवाई के दौरान परियोजना का कार्य आईआरपी की निगरानी में जारी रखने और दिवालिया प्रकरण में क्रेडिटर्स की कमिटी सीओसी (COC) गठन पर रोक लगा दी है।
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सुपरटेक कंपनी के चेयरमैन आर के अरोड़ा (Chairman R K Arora) ने एनसीएलटी (NCLT) के दिवालिया घोषित होने वाले आदेश के खिलाफ अपील ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए अपील ट्रिब्यूनल एनसीएलएटी के 3 सदस्यीय बेंच ने निर्देश जारी कर दिया है कि क्रेडिटर्स की कमिटी का गठन नहीं किया जाएगा। चल रही परियोजना को आईआरपी की देखरेख में पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्य को पूरा करने में कॉर्पोरेट देनदार, उसके अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा आईआरपी को हर संभव मदद की जाएगी। कॉर्पोरेट देनदार के बैंक खाते केवल निर्माण कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से आईआरपी के संयुक्त हस्ताक्षरों के तहत संचालित होंगे।
सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा की तरफ से अपील ट्रिब्यूनल को जानकारी दी गई है कि उनकी तरफ से बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को पूरा पैसा चुकाने का ऑफर दिया गया है, लेकिन उसके लिए 90 दिन की मांग की गई है। यह पैसा दूसरे बैंकों से लोन लेकर चुकाया जाना है। सुपरटेक की ओर से यह भी बताया गया कि लोन लेने के लिए नोएडा प्राधिकरण से एनओसी की आवश्यकता होती है जिसके लिए प्राधिकरण में आवेदन कर दिया गया है।
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एनसीएलटी की तीन सदस्य बेंच का इस मामले को लेकर मानना है कि सुपरटेक की ओर से संशोधित वन टाइम सेटलमेंट (OTS) प्लान बैंको के संघ को प्रस्तुत किया है जो बैंक संघो के अग्रणी बैंक द्वारा विचाराधीन है। अग्रणी बैंक ने प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जाहिर की है। इस मामले में आगे बढ़ने के लिए ओटीएस प्रस्ताव पर संघ के सदस्यों और अग्रणी बैंक के निर्णय का वेट करना उचित है। अपील ट्रिब्यूनल की तरफ से कर्जदाताओं को इस मामले में 3 सप्ताह में अपना मत जाहिर करने को कहा गया है। आपको बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।
नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने पिछले महीने सुपरनोवा प्रोजेक्ट के विकासकर्ता सुपरटेक रियलटर्स को बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिवालिया घोषित करते हुए अंजू अग्रवाल को आईआरपी घोषित किया गया था। बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की शिकायत थी कि बैंक ने सुपरटेक रियलटॉरस को करीब 150 करोड़ रुपये का लोन दिया था। बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र ने कोर्ट को जानकारी दी कि लोन लेने के कुछ समय बाद ही सुपरटेक पैसे जमा करने में डिफ़ॉल्ट करने लगा। बैंक के नोटिस का बिल्डर ने कोई परवाह नहीं किया। बता दें कि बैंक का सुपरटेक पर कुल बकाया 168 करोड़ रुपये है।