Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के स्कूलों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने बड़ी पहल की है। केंद्र सरकार की पहल के अनुसार बेसिक स्कूलों को उसके आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत अभी तक ग्रेटर नोएडा के 4 स्कूलों को चुना गया है। यहां प्रयोग सफल होने के बाद इसे पूरे उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया जाएगा। इनको मर्ज कैसे किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार पायलट प्रोजेक्ट कंसल्टेशन ऑफ स्कूल के तहत अध्ययन कराने का काम भी कर रही है।
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इसी प्रोजेक्ट के तहत गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) के चार बेसिक स्कूलों का चयन किया गया है। यहां पर भारत सरकार की टीम अध्ययन कर इसके लिए रिपोर्ट बनाएगी। उसके बाद प्रोजेक्ट को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केंद्र सरकार के अफसरों ने गौतम बुद्धनगर के अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि भारत सरकार कंसल्टेशन ऑफ स्कूल नाम से पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेसिक स्कूलों को बड़े स्कूलों में मर्ज करने की तैयारी में है। अध्ययन के लिए यूपी के गौतमबुद्ध नगर के चार स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों में 16 से 18 बच्चों का नामांकन है। स्कूलों के आसपास कक्षा एक से 12 तक के सरकारी स्कूलों को देखा जाएगा। छोटे स्कूलों को इन बड़ों स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा।
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गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) राहुल पंवार ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट में हर प्रदेश से एक जिला चुना गया है। उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर को चुना गया है। भारत सरकार की टीम यहां आकर स्कूलों को मर्ज करने के लिए स्टडी करेगी। विभाग सहयोगी के तौर पर काम करेगा। तीन महीने में स्टडी रिपोर्ट पूरी की जाएगी। उसके बाद इस प्रोजेक्ट को देश भर में लागू कर दिया जाएगा।
अध्ययन में नए स्कूल तक बच्चों के जाने की व्यवस्था और उनका नामांकन, इसके साथ ही ऐसे होने पर किस-किस तरह की समस्या आएंगी। इन सभी विषयों को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तीन महीने के अंदर अध्ययन पूरा हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नई शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार अधिनियम को आसान बनाने के मकसद से प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। विलय होने से बेसिक स्कूलों पर हो रहा खर्च भी कम हो जाएगा।
मध्य प्रदेश का मॉडल है चर्चा में
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश का एक शाला-एक परिसर मॉडल भी इन दिनों काफी चर्चा में है। इसके तहत जिन स्कूलों में 50 से कम छात्र, उनका बड़े स्कूल में विलय किया गया। नीति आयोग ने सभी राज्यों में इसे लागू करने की सिफारिश भी की थी, लेकिन इस समय सरकार अपने पायलट प्रोजेक्ट को लेकर ही काम कर ही है।
इन चार स्कूलों को किया गया चिन्हित
प्राइमरी स्कूल, दवानगर
प्राइमरी स्कूल, बीरपुरा
प्राइमरी स्कूल, रघुवीर गढ़ी
प्राइमरी स्कूल, ढोकलपुरा
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